छत्तीसगढ़

अनुकंपा नियुक्ति से सुधरी दिग्विजय के परिवार की आर्थिक हालत

बिलासपुर: कोरोना के कठिन दौर में जब सभी गतिविधियों में विराम लग गया था, आजीविका की समस्या होने लगी थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राहत भरे फैसले ने दिग्विजय की जिंदगी बदल दी। अनुकंपा नियुक्ति से उसे आर्थिक संबल मिला और अब उसके परिवार के आर्थिक हालत में सुधार हो रहा है। जिले के […]

बिलासपुर: कोरोना के कठिन दौर में जब सभी गतिविधियों में विराम लग गया था, आजीविका की समस्या होने लगी थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राहत भरे फैसले ने दिग्विजय की जिंदगी बदल दी। अनुकंपा नियुक्ति से उसे आर्थिक संबल मिला और अब उसके परिवार के आर्थिक हालत में सुधार हो रहा है।

जिले के ग्राम मंगला निवासी दिग्विजय कौशिक के पिता  ईश्वर प्रसाद कौशिक कन्या पूर्व माध्यमिक शाला सैदा में प्रधानपाठक के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2019 के फरवरी माह में एक दुर्घटना में उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। पिता की मृत्यु उपरांत दिग्विजय ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन लगाया था, किन्तु अनुकंपा के कोटे में तृतीय श्रेणी का कोई पद नहीं था इसलिए उसका आवेदन दो वर्ष से लंबित था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पहल पर कोरोना काल में छ.ग. शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के कोटे में 10 प्रतिशत की सीमा को 31 मई 2022 तक शिथिल किए जाने के बाद उसे सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्त होने का अवसर मिला। दिग्विजय को 2 जून 2021 को कलेक्टर के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ। उसने 11 जून 2021 को शासकीय हाईस्कूल धौंराभाठा विकासखण्ड कोटा में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। दिग्विजय ने बी.कॉम. की डिग्री के बाद पीजीडीसीए, आईटीआई और डीएड का कोर्स किया है। दिग्विजय ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करता था लेकिन उसकी आमदनी बहुत कम थी। इसलिए पिताजी के निधन के बाद उसने यह जॉब छोड़ दिया था और अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन लगाया था। नौकरी के इंतजार में उसकी आर्थिक हालत दिनोंदिन खराब हो रही थी। परिवार में 3 बहनें और दादी है जिसकी जिम्मेदारी भी उसके ऊपर है। उसने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके इस संवेदनशील फैसले के कारण ही उसे यह नौकरी मिल पाई है।

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