रायपुर: विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर आज कृषि विज्ञान केंद्रों में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ में मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि जैव विविधता एवं पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व, योगदान और उनके संरक्षण के प्रति किसानों और लोगो में जागरूकता लाना चाहिए।
विश्व मधुमक्खी दिवस पर कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम में केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मधुमक्खी पालनकर्ताओं द्वारा अपनाए गए आजीविका का समर्थन करने और अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों को वितरित करने के लिए अपनाई गई मधुमक्खी उत्पादन और उससे संबंधित उच्च तकनीकों पर ध्यान देने विशेष जोर दिया गया। गौरतलब है कि पारिस्थितिक तंत्र के लिये मधुमक्खियों और अन्य परागणकों के महत्व, योगदान और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना विश्व मधुमक्खी दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य है।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के खाद्य उत्पादन का लगभग 33 प्रतिशत मधुमक्खियों पर निर्भर करता है तथा जैव-विविधता के संरक्षण, प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन और प्रदूषण को कम करने में सहायक भी है।
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