छत्तीसगढ़

स्वतंत्रता आंदोलन के सरोकारों को अक्षुण्ण रखने के साथ ही समाज हित में सूचनाओं का रचनात्मक प्रयोग न्यू मीडिया की चुनौती: बघेल

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने में पत्रकारों की अहम भूमिका थी। चाहे गांधी जी हों, तिलक हों, पंडित मोतीलाल नेहरू हों या गणेश शंकर विद्यार्थी। इन्होंने देश की स्वातंत्र्य चेतना को पत्रकारिता के माध्यम से स्वर दिये। उनके दिये गये संस्कार न्यू मीडिया के लिए धरोहर […]

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने में पत्रकारों की अहम भूमिका थी। चाहे गांधी जी हों, तिलक हों, पंडित मोतीलाल नेहरू हों या गणेश शंकर विद्यार्थी। इन्होंने देश की स्वातंत्र्य चेतना को पत्रकारिता के माध्यम से स्वर दिये। उनके दिये गये संस्कार न्यू मीडिया के लिए धरोहर की तरह हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों के सजग प्रहरी के रूप में उन्होंने पत्रकारिता की भूमिका स्थापित की। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी लोकतंत्र को मजबूत बनाने में चौथे स्तंभ की प्रखर भूमिका में पत्रकारिता रही। आजादी के बाद किसानों, वनवासियों और श्रमिकों जैसे वंचित वर्गों की आवाज बनकर पत्रकारिता उभरी। मुख्यमंत्री बघेल आज भिलाई सेक्टर-4 के एस.एन.जी. स्कूल ऑडिटोरियम में न्यू इंडिया का न्यू मीडिया विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी, पत्रकारिता अलंकरण एवं सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक बाजार के इस दौर में पत्रकारिता को नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। तकनीक ने सोशल मीडिया के माध्यम से संप्रेषण और अभिव्यक्ति के लिए खुला मंच दिया है। देश और समाज विरोधी ताकतें इसका इस्तेमाल सांप्रदायिकता, जातिवाद, नफरत आदि दुष्प्रचार फैलाने के लिए कर सकती है। पत्रकारिता के सरोकारों को बनाये रखने के लिए इन चुनौतियों से निपटना बेहद आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमारे यहां सत्य की खोज की परंपरा रही है शास्त्रार्थ की परंपरा रही है हमें सत्यान्वेषी होना चाहिए। हमारे देश में विरोधी आवाजों को भी सुनने की परंपरा रही है। सूचना प्रवाह के साथ अनेक भ्रामक खबरें एवं गलत जानकारियां भी प्रचलित होती है यदि हम सूचनाओं के तह तक जाएं, प्रामाणिक इतिहास का अध्ययन करें तो सही तथ्य उजागर होंगे। भारत के इतिहास को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। जब हम सत्यान्वेषण करेंगे तो अपने आप असल तस्वीर हमारे हमारी आंखों के सामने होगी। आज के समय में अंधकार गहरा है पर हमें उम्मीद की किरण जगानी होगी। न्यू मीडिया के दौर में पत्रकारों के लिए यह अहम जिम्मेदारी है।

इन्होंने देश की स्वातंत्र्य चेतना को पत्रकारिता के माध्यम से स्वर दिये। उनके दिये गये संस्कार न्यू मीडिया के लिए धरोहर की तरह हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों के सजग प्रहरी के रूप में उन्होंने पत्रकारिता की भूमिका स्थापित की। कि स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने में पत्रकारों की अहम भूमिका थी। चाहे गांधी जी हों, तिलक हों, पंडित मोतीलाल नेहरू हों या गणेश शंकर विद्यार्थी। इन्होंने देश की स्वातंत्र्य चेतना को पत्रकारिता के माध्यम से स्वर दिये। उनके दिये गये संस्कार न्यू मीडिया के लिए धरोहर की तरह हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों के सजग प्रहरी के रूप में उन्होंने पत्रकारिता की भूमिका स्थापित की। 

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश नैयर ने कहा कि जब भी मैं भिलाई आता हूं तो देखता हूं कि हमारी पूर्वजों ने कितनी सुंदर विरासत का निर्माण किया। अमृतसर में जब मैं रहता था तब भिलाई का नाम बहुत प्रचलन में था। जब यहां आकर देखा तो महसूस किया कितनी समृद्ध धरोहर हमारे महापुरुषों ने तैयार की है। इस धरोहर को सहेजने सुरक्षित रखने और अक्षत रूप में नई पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मीडिया की है। इस अवसर पर अपने संबोधन में वरिष्ठ पत्रकार श्री आशुतोष ने कहा कि भारत में एक दूसरे को सुनने समझने की बहुत सुंदर परंपरा रही है। साथ ही लोकतांत्रिक रूप से एक साथ काम करने की भी परंपरा रही है आजादी के वक्त जब कैबिनेट का गठन हुआ तो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग शामिल हुए और सभी ने साथ मिलकर काम किया। हमारे यहां उक्ति है एकं सत विप्रा बहुधा वदंति। सत्य को लोग कई नजरिए से देखते हैं। हमारे यहां शास्त्रार्थ की अति सुंदर परंपरा रही है शंकराचार्य और मंडन मिश्र केे शास्त्रार्थ को याद कीजिए और याद कीजिए मंडन मिश्र के पराजित होने के पश्चात उनकी पत्नी द्वारा शंकराचार्य से किए गए शास्त्रार्थ की। पीढ़ी दर पीढ़ी बहुत मेहनत से हमारे बुजुर्गों ने एक उज्जवल समाज का गठन किया है। न्यू मीडिया के सामने चुनौती है कि भारत की उज्जवल परंपरा की धरोहर को सहेज कर रख सके।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री मुकेश कुमार ने कहा कि न्यू इंडिया ही न्यू मीडिया का निर्माण कर रहा है। अमेरिका का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह कैपिटल हिल की घटना हुई है, उससे पता लगता है कि न्यू मीडिया किस तरह का कार्य कर रहा है और किस तरह उसकी चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पत्रकार यूनियन ने उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों का सम्मान भी किया। युवाओं को मोटिवेट करने के लिए आईजी श्री रतनलाल डांगी, पुलिस में उत्कृष्ट सेवा देने वाले श्री अब्दुल रमीज, पत्रकारिता के क्षेत्र में स्वर्गीय पूरन साहू स्मृति सम्मान से श्रीमती अनुभूति भाखरे  ठाकुर, सेवा रत्न अलंकरण से डॉ. प्रदीप कौशिक एवं नीना अग्रवाल को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विधायक श्री अरुण वोरा, भिलाई विधायक श्री देवेंद्र यादव, पत्रकार यूनियन प्रदेश पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष श्री प्रदीप सान्याल महासचिव श्री सतीश बौद्ध, श्री गिरीश राव, श्री मनीष चौबे एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। साथ ही आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी श्री बद्रीनारायण मीणा एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड आपदा से सकुशल लौटे भिलाई के नागरिकों ने मिलकर मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार- कार्यशाला के दौरान उत्तराखंड आपदा से सकुशल लौटे भिलाई के नागरिकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने कुशल क्षेम की जानकारी भी दी। साथ ही मुख्यमंत्री से कहा कि आपके मार्गदर्शन में हम सब कुशलतापूर्वक वापस आए। हम सब इसके लिए आपके हार्दिक रूप से आभारी हैं।

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