धमतरी: पिछले लगभग एक साल से कोविड-19 नामक अज्ञात शत्रु से भारत सहित पूरा विश्व जद्दोजहद कर रहा है। इसके संक्रमण की चपेट में आए अनेक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। गर्व की बात यह है कि भारत उन देशों में शुमार है, जिसने लम्बे परीक्षण के उपरांत कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कोविशील्ड नामक टीके की सफलतापूर्वक खोज अल्प अवधि में ही पूरी कर ली। देश, प्रदेश सहित जिले में भी इसके प्रारम्भिक चरण का टीका 16 जनवरी से लगाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुर्रे ने बताया कि जिले में कोविशील्ड के 3400 नग वॉयल की पहली खेप शुक्रवार को पहुंच गई तथा शनिवार से इसकी शुरूआत खुद को टीका लगवाकर की।
उन्होंने बताया कि शनिवार के बाद सोमवार से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों (प्रथम पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स) को इसका टीका लगाया जा रहा है। इसका दूसरे चरण का टीका एक माह बाद उसी दिवस को लगाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने यह भी बताया कि यह देखने में आ रहा है कि इसे लेकर अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं, जो निर्मूल व निराधार हैं। डॉ. तुर्रे ने स्वयं का अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह टिटनेस के टीके के समान ही है, अब तक टीकाकरण करा चुके किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी किसी तरह की समस्या अथवा टीका का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे कोविशील्ड सामान्य वैक्सीन ही है, जबकि इसे लगाने से पहले संबंधित व्यक्ति का सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है जिसमें उपयुक्त पाए जाने पर ही उसे वैक्सीन लगाई जाती है।
उल्लेखनीय है कि जिले में कोविड-19 का टीका 16 जनवरी से अब तक 880 के लक्ष्य के विरूद्ध 500 स्वास्थ्य कर्मचारियों यानी 57 प्रतिशत से अधिक को टीका सुरक्षितपूर्ण ढंग से लगाया जा चुका है। जिला अस्पताल के अलावा 18 जनवरी से नगरी विकासखण्ड के ग्राम बेलरगांव, दुगली, केरेगांव में, मगरलोड विकासखण्ड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मगरलोड, कुरूद विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरूद तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिर्री, धमतरी विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुजरा और धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल (डीसीएच) में कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. संजय वानखेड़े ने बताया कि उन्होंने प्रथम दिन ही टीका लगवाया और टीकाकरण के उपरांत किसी प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्या या लक्षण अब तक परिलक्षित नहीं हुए हैं।
डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरीश देवांगन ने टीका लगवाने के बाद बताया कि पूर्व में इसे लेकर थोड़ी शंका थी, लेकिन इसे लगवाने के 72 घण्टे के बाद भी किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया है। जिला अस्पताल की सफाई कर्मी श्रीमती मोतिन बाई ने कहा- ‘हम जैसे चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का भी टीकाकरण कराया गया, इसके लिए शासन का बहुत-बहुत आभार। टीका लगने के बाद भी मैं पहले जैसे ही पूरी ऊर्जा के साथ काम कर पा रही हूं, वह भी बिना किसी दर्द या शारीरिक परेशानी के।‘ इस तरह स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वॉरियर्स उक्त वायरस से लड़ते हुए अपने दायित्वों को निर्वहन करने पूरी तत्परता से टीकाकरण अभियान से जुड़ रहे हैं।
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