कोरबाः जिले में सांपो को संरक्षण करने का काम कुछ युवा वर्ग लगातार कर रहा है। जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर सांपो के साथ लोगों की जान बचा रही हैं। सुबह-शाम, दिन-रात लगातार लोगों की सेवा कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस काम में उनका कोई स्वार्थ नहीं है और न ही कोई फायदा। वो सिर्फ और सिर्फ प्राकृति को बचाने और उसकी रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। मौसम के बदलते ही घरों की ओर रुख करती जमीन में रेंगने वाली मौत का खतरा अब और बढ़ता जा रहा है। अक्सर सर्पदंश का मामला रात में होता हैं जब लोग सोते रहते हैं। ऐसी ही एक दुर्घटना होने से टल गई।
दादर निवासी एक व्यक्ति के घर रात 3 बजे उस समय एक बडा हादसा टल गया, जब घर मालिक शौचालय के लिए उठा था। घर के दरवाजे के पास एक सांप था, जिसके ऊपर उसका पैर पड़ते-पड़ते बच गया। वो सांप को देखते ही घर के अंदर भाग खड़ा हुआ। फिर सांप भी हलचल देखकर एक जगह जाकर छुप गया। बडी हिम्मत कर घर मालिक बाहर आया तो देखा कोबरा प्रजाति का नाग पानी चालू कराने वाले डिब्बे के अंदर जाकर बैठ गया। यह देखने के बाद मकान मालिक ने तुरंत आपातकालीन सेवा 1120 को फोन किया।
घटना के गंभीरता को दिखते हुए 112 के आरक्षक लखन लाल गाड़ी चालक अनिल कुमार राजपूत ने बिना देरी किए स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख (वन विभाग सदस्य) जितेंद्र सारथी को इसकी जानकारी दी। जिस समय सारथी को यह सूचना मिली वह सो रहे थे। दूसरी तरफ घरवाले चिंतित थे कि इतनी रात को मदद मिलेगी की नहीं। लेकिन, फिर एक फोन आया और उन्हें बताया गया कि आप सभी घर वाले निश्चित रहें रेस्क्यू टीम के साथ हम आ रहें हैं। थोडी देर बाद रेस्क्यू टीम उस व्यक्ति के घर पहुंची, जहां पूरा परिवार डरा-सहमा बैठा हुआ था। बिना देरी किए जितेंद्र सारथी ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर डिब्बे में रखा। तब कहीं जाकर घरवालों ने राहत की सांस ली। साथ ही उन्होंने रेस्क्यू टीम को धन्यवाद भी दिया।
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