रायपुर: प्रदेश सरकार ने 2373 छात्रों के बैंक खातों में 1.65 करोड़ रुपए भेजे हैं। यह पैसा कोविड-19 से अनाथ हुए सरकार और प्राइवेट शालाओं के छात्रों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर लागू की गई 'छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना' के तहत ट्रांसपर किया गया है। जिससे कुल 2373 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। इन छात्रों के बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 65 लाख 95 हजार रूपए की राशी छात्रवृत्ति के रूप में भेजी गई है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के तहत कोविड-19 से अनाथ हुए शासकीय और अशासकीय स्कूलों के छात्रों को छात्रवृत्ति तथा शाला शुल्क का भुगतान किया जाता है। इस योजना के तहत कक्षा पहली से कक्षा 8वीं के विद्यार्थियों को प्रति माह 500 रूपए तथा कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को एक हजार रूपए प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।
पांचवी के छात्र को 5 जबकि 12वीं तक के छात्र को 10 हजार
राज्य छात्रवृत्ति के नियमानुसार 10 माह की गणना के आधार पर इन छात्रों को छात्रवृत्ति का एकमुश्त भुगतान किया गया है, जिसके अनुसार कक्षा पहली से 8वीं के विद्यार्थियों को एकमुश्त 5 हजार रूपए जबकि कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को एकमुश्त 10 हजार रूपए की राशि बैंक खातों में भेजी गई है। राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल पर 2 नवंबर 2021 की स्थिति में छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के अंतर्गत कुल 2373 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे, इन सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान कर दिया गया है।
क्या है महतारी दुलार योजना?
कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले छात्रों की मदद करने का ऐलान राज्य सरकार ने किया था। छात्रों को महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृत्ति और स्कूल की फीस मिलनी थी। योजना का फायदा लेने के लिए प्रदेश भर से 5 हजार 819 छात्र रजिस्टर्ड हुए थे. वहीं इसमें जांच के बाद 2373 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। योजना के तहत प्रदेश सरकार छात्रों को प्रतिमाह 500 रुपए स्कॉलरशिप और उनके शिक्षा में खर्च होने वाली राशि देगी।
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