बेमेतरा : राज्य सरकार द्वारा मानवीय सहानुभूति को ध्यान मे रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति मे 10 प्रतिशत के सीमा बन्धन को 31 मई 2021 की स्थिति मे समाप्त कर दिये जाने से प्रदेश के दिवंगत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वजनों को अनुकम्पा नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। बेेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला घोठा मे पदस्थ सहायक शिक्षक स्व. शैलेन्द्र कुमार डाहिरे की 20 मई 2021 को उनके गृह ग्राम चकलाकुण्डा मे आकाशीय बिजली गिरने से असमय मौत हो गई। द्रौपदी नवागढ़ के एक निजी स्कूल मे बतौर शिक्षिका की नौकरी कर रही थी। ऐसे समय मे उनके परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई। लगभग 32 वर्षीय शिक्षक स्व. शैलेन्द्र के परिवार मे पत्नी के अलावा एक पुत्री एवं एक पुत्र है। बेटी 5 वर्ष की है एवं बेटा 7 वर्ष का है। सास-ससुर सहित उनका संयुक्त परिवार है। शिक्षक शैलेन्द्र की पत्नी श्रीमती द्रौपदी डाहिरे एक पढ़ी लिखी महिला है।
द्रौपदी डाहिरे ने बी.एस.सी., डीएड. एवं टीईटी परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है। पति के निधन के लगभग एक माह के बाद 26 जून 2021 को द्रौपदी डाहिरे को सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला मुरकुटा पो.आ. हरदी मे नियुक्ति आदेश मिला है। उन्होने अपनी नौकरी ज्वाईन भी कर ली है। शासन के इस राहत भरे फैसले पर द्रौपदी ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पति के न होने से परिवार अधूरापन यद्यपि कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की। द्रौपदी डाहिरे ने कहा कि उसने कभी सोचा नहीं था कि अनुकम्पा नियुक्ति के अनेक लंबित प्रकरणों के बीच उनको नौकरी इतनी जल्दी मिल पाएगी। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाईं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए शासन के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।
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