छत्तीसगढ़

आत्मा योजना से जुड़कर मछली उत्पादन कर कमा रही है मुनाफा

बेमेतरा: बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम ढोलिया निवासी श्रीमती मधु बाई उम्र 52 वर्ष की है जिन्होने अपने समूह को एक्सटेंशन रिफाम्र्स (आत्मा) योजना से जुड़कर मछली उत्पादन कर रही है। समूह का नाम माॅ दुर्गा महिला स्व सहायता समूह है, समूह में कुल दस सदस्य है। उन्होने बताया कि परिवार के भरण पोषण के लिए […]

बेमेतरा: बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम ढोलिया निवासी श्रीमती मधु बाई उम्र 52 वर्ष की है जिन्होने अपने समूह को एक्सटेंशन रिफाम्र्स (आत्मा) योजना से जुड़कर मछली उत्पादन कर रही है। समूह का नाम माॅ दुर्गा महिला स्व सहायता समूह है, समूह में कुल दस सदस्य है। उन्होने बताया कि परिवार के भरण पोषण के लिए अपने पति के साथ खेती के कार्य में सहयोग करती थी, परन्तु इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबुत नहीं थी, फिर उन्होने गांव के अन्य महिलाओं के साथ मिलकर समूह बनाया और कृषि विभाग के आत्मा योजनांतर्गत खाद्य सुरक्षा समूह (एफएसजी) से जुड़ी, और स्व-सहायता समूह के द्वारा ग्राम ढोलिया के तालाब में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जिसमें अभी हाल ही में हमारे समूह के द्वारा 02 क्विंटल मछली का उत्पादन किया गया, जिसे बेचकर समूह को 20 हजार रू. का आय प्राप्त हुआ। मछली उत्पादन से रोजगार प्राप्त हुआ और आर्थिक सहायता मिली। समूह द्वारा स्थानीय लोगांे को पौष्टिक आहार उपलब्ध किया जा रहा है।

मछली पालन ढोलिया गांव की स्वसहायता समूह की महिलाओं के आय का जरिया बन गया है। बेमेतरा जिले की ग्राम ढोलिया की मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की 10 महिलाओं ने एक्सटेंशन रिफार्म्स (आत्मा) योजना से जुड़कर मछली उत्पादन कर रही है। अभी हाल में ही समूह द्वारा दो क्विंटल मछली का उत्पादन किया गया, जिसे बेचकर महिलाओं ने 20 हजार रूपए का लाभ प्राप्त किया है। 

मॉ दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की मधुबाई ने बताया कि परिवार की भरण पोषण के लिए खेती किसानी के काम में अपने पति का सहयोग करती है। परंतु इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नही हुई। ढोलिया गांव की 52 वर्षीय मधु बाई ने गांव की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर समूह बनाया और कृषि विभाग के आत्मा योजना के तहत खाद्य सुरक्षा समूह (एफएसजी) से जुड़ी और ग्राम ढोलिया के तालाब में मछली पालन करने लगी है।

 

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