रायपुर: ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के निर्देशन में बांस शिल्प के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। बांस शिल्प से जुड़े लोगों की कला को निखारने और बेहतर प्रशिक्षण के लिए बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र का विस्तार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्रों को प्राथमिकता से विस्तार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे। इसी कड़ी में कांकेर जिले के बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र पखांजुर में नई मशीनें स्थापित की गई है।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड जगदलपुर के महाप्रबंधक श्री एल.एस. वट्टी ने बताया कि बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र पखांजुर में शिल्पकारों को प्रशिक्षण के लिए बांस को विभिन्न आकार देने के लिए नई मशीनें स्थापित की गई है। इन मशीनों की स्थापना से बांस शिल्प प्रशिक्षण संबंधी कार्यों में तेजी आएगी और ज्यादा से ज्यादा शिल्पकारों को इसका लाभ भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र पखांजूर में 11 लाख 27 हजार 400 रुपए की लागत से एक बेम्बु राउंड स्टिक मेकिंग मशीन तीन कटर ,बेम्बु स्टिक पॉलिशिंग मशीन थ्री डिवीजन और एक बेम्बु ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है। श्री वट्टी ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण केंद्र पखांजूर में पहले से ही तीन मशीनें स्थापित हैं और इस बांस शिल्प प्रशिक्षण केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त पखांजुर में 40, बान्दे में 80 एवं भानुप्रतापपुर में 20 शिल्पकार हैं, जिन्हें बांस शिल्प में प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा गया है।
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