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तालिबान संकट ने सूखे मेवे की कीमतों में लगाई आग, त्योहारी मौसम में कीमतें कई गुना बढ़ने के आसार

नई दिल्लीः तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद से सूखे मेवे की कीमतें बढ़ गई हैं। भारत में सूखे मेवों की कुल आपूर्ति का 85 प्रतिशत से अधिक अफगानिस्तान से आता है। तालिबान ने अफगानिस्तान की सीमाओं को सील कर दिया है, विशेष रूप से पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की ओर […]

नई दिल्लीः तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद से सूखे मेवे की कीमतें बढ़ गई हैं। भारत में सूखे मेवों की कुल आपूर्ति का 85 प्रतिशत से अधिक अफगानिस्तान से आता है। तालिबान ने अफगानिस्तान की सीमाओं को सील कर दिया है, विशेष रूप से पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की ओर जाने वाली सीमाओं को, जिसका सीधा असर भारत के आयात-निर्यात पर पड़ा है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक (डीजी) डॉ अजय सहाय ने कहा कि तालिबान ने भारत के साथ आयात और निर्यात रोक लगा दी है। सहाय ने मीडिया से कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। वहां से आयात पाकिस्तान के रास्ते होर आता है। फिलहाल, तालिबान ने पाकिस्तान को माल की आवाजाही रोक दी है, इसलिए आयात लगभग बंद हो गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर व्यापार फिर से शुरू नहीं होता है, तो मौजूदा सूखे मेवों के स्टॉक की कीमतों में तेजी आएगी और व्यापारियों को आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोतों की भी तलाश करनी होगी।’’

देश में केवल हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा चालू है, और वह भी निकासी के प्रयासों के लिए, अफगानिस्तान से भारत पहुंचने के लिए भूमि मार्ग ही एकमात्र रास्ता बचा है। आयात पाकिस्तान में स्थित पारगमन मार्गों के माध्यम से आना है, लेकिन तालीबानी समूह ने सभी बाहर जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया है।

भारत अफगानिस्तान से सूखे किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट्स, पिस्ता, सूखे खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी बूटियों का भारी मात्रा में आयात करता है।
वित्त वर्ष 2020-2021 में अकेले इन वस्तुओं के लिए भारत का आयात बिल 2,389.86 करोड़ रुपये रहा। अफगानिस्तान के साथ भारत का कुल आयात व्यय 3,753.47 करोड़ रुपये रहा।
जैसे-जैसे त्योहारों का मौसम नजदीक आता है, मांग संभवतः आपूर्ति से आगे निकल जाएगी, जिससे कीमतों में कई गुना वृद्धि हो सकती है।

रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान से बादाम, अखरोट और खुबानी की कीमतें पिछले कुछ दिनों में तीन गुना से अधिक हो गई हैं। मई में तालिबान द्वारा अपना आक्रमण शुरू करने के बाद से कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। व्यापारियों ने तब से कीमतों में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

इंडो फॉरेन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बी.के. बजाज ने हालांकि कहा कि इस तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद थी क्योंकि सूखे मेवे लग्जरी आइटम थे। कई व्यापारियों को कीमतों में वृद्धि क्षणिक होने की उम्मीद है, हालांकि सीमा पार पाबंदी जितने लंबे समय तक रहेगी, कीमतें उतने बढ़ने का आसार हैं।

आने वाले दिनों में कीमतें 10-20 फीसदी तक बढ़ सकती हैं या नहीं, इस पर सहाय ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह संकट कीमतों को सीधे प्रभावित नहीं कर सकता है, लेकिन तथ्य यह है कि आयात के स्रोत लंबे समय तक मौजूद नहीं है, इसके चलते कीमतों में वृद्धि की अटकलों से इंकार नहीं किया जा सकता है।’’

इस बीच, व्यापार पहले की तरह फिर से शुरू हो रहा है, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि ट्रक पहले की तरह फिर से सीमा पार करने लगे हैं।

एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया, ‘‘आज, प्रसिद्ध ‘सुंदर-खानी’ अंगूर सहित ताजे फल से लदे कई ट्रकों को कस्टम हाउस चमन में मंजूरी दी गई।’’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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