नई दिल्ली: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की मौद्रिक नीति समिति की अगस्त 2022 की बैठक खत्म हो गई। बुधवार से चल रही तीन दिनों की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बताया कि इस बार रेपो रेट (Repo Rate) को 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है। रेपो रेट बढ़ने का असर अब होम लोन से लेकर पर्सनल लोन तक की ईएमआई (EMI) पर दिखेगा।
पिछले चार महीने में रेपो रेट 1.40 फीसदी बढ़ चुका है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने मई 2022 की बैठक में रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। फिर जून में हुई MPC की बैठक में रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया था।
रेपो रेट में बढ़ोतरी की वजह से लोगों पर लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. होम लोन, ऑटो लोन की किस्तों में इजाफा होगा. अगर आपको होम लोन 7.50 फीसदी की दर से मिला है, तो अब यह दर बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगी।
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए देश की GDP के ग्रोथ का अनुमान 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट्स को 5.15 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया गया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है। भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही।