नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि वह जल्द ही कुछ खास यूज के लिए ई-रुपये ( e-rupee) की पायलट आधार पर पेशकश करेगा। इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में मदद मिलेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 से डिजिटल रुपया (digital currency) पेश करने की घोषणा की थी।
RBI ने शुक्रवार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के बारे में बात करते हुए बताया कि पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपये की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी। RBI ने कहा कि CBDC का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका उद्देश्य किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत की अत्याधुनिक भुगतान प्रणालियों द्वारा समर्थित डिजिटल रुपया प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, मौद्रिक एवं भुगतान प्रणाली को अधिक कुशल बनाएगी तथा वित्तीय समावेशन में मदद करेगी।
CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंक इस समय CBDC जारी करने की तरीकों पर विचार कर रहे हैं और इसे जारी करने के तरीके हर देश की जरूरतों के अनुसार अलहदा हैं।