नई दिल्ली: टैक्स की मार झेल रहे मध्यम वर्गीय भारतीय नागरिक आने वाले बजट में राहत की उम्मीद कर सकते हैं। भारत सरकार फरवरी के बजट में 15 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए आयकर में कटौती करने पर विचार कर रहा है, ताकि मध्यम वर्ग को राहत दी जा सके और अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण खपत को बढ़ावा दिया जा सके। यह जानकारी सरकारी अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स को दी।
इस कदम से लाखों करदाताओं को लाभ हो सकता है, खासकर शहरी निवासियों को जो उच्च जीवन-यापन लागतों से परेशान हैं, अगर वे 2020 की कर प्रणाली का विकल्प चुनते हैं, जिसमें आवास किराये जैसी छूट को हटा दिया जाता है।
दो टैक्स सिस्टम का विकल्प
पुरानी प्रणाली: इसमें हाउस रेंटल और बीमा जैसी छूट मिलती है।
नई प्रणाली (2020 से लागू): इसमें टैक्स दरें थोड़ी कम हैं, लेकिन प्रमुख छूटें नहीं मिलतीं।
नई प्रणाली के तहत, 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर 5% से 20% तक टैक्स लगता है। 15 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स दर लागू होती है।
अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दबाव
मध्यम वर्ग के हाथों में ज्यादा पैसा आने से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सकती है। फिलहाल, भारत की अर्थव्यवस्था जो दुनिया में पांचवें स्थान पर है, जुलाई-सितंबर तिमाही में सात तिमाहियों में सबसे धीमी गति से बढ़ी।
साथ ही, बढ़ती खाद्य महंगाई के चलते साबुन-शैंपू से लेकर कार और टू-व्हीलर तक की मांग पर असर पड़ रहा है। सरकार पर बढ़ते टैक्स और वेतन में धीमी बढ़ोतरी को लेकर मध्यम वर्ग का राजनीतिक दबाव भी बना हुआ है।
(रॉयटर्स इनपुट के साथ)