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कारोबारी गौतम थापर ने यस बैंक को लगाया 466 करोड़ का चूना, ED ने किया गिरफ्तार

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अवंता समूह के प्रमोटर गौतम थापर (Gautam Thapar) को गिरफ्तार किया है। थापर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया था, जब एजेंसी ने उनके और उनके संबंधित व्यवसायों के खिलाफ दिल्ली और मुंबई में छापेमारी की […]

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अवंता समूह के प्रमोटर गौतम थापर (Gautam Thapar) को गिरफ्तार किया है। थापर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया था, जब एजेंसी ने उनके और उनके संबंधित व्यवसायों के खिलाफ दिल्ली और मुंबई में छापेमारी की थी। कारोबारी गौतम थापर ने यस बैंक (Yes Bank) को 466 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। मंगलवार देर शाम पीएमएलए के तहत गिरफ्तार के बाद ईडी पूछताछ के लिए आज स्थानीय अदालत में पेश कर कस्टडी मांग सकती है।

ईडी उनकी कंपनी अवंता रियल्टी, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी के बीच कथित लेन-देन की जांच कर रहा है, जिनकी एजेंसी पहले से ही पीएमएलए के तहत जांच कर रही है।

ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने पिछले साल कपूर और उनकी पत्नी बिंदू के खिलाफ कथित तौर पर दिल्ली के एक इलाके में एक रियल्टी फर्म से बाजार मूल्य से आधे पर एक बंगला खरीदकर 307 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने और बैंक को लगभग 1,900 करोड़ रुपये का बैंक ऋण देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। 

इससे पहले सीबीआई ने गौतम थापर और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी आधार पर ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है। सीबीआई ने इस सिलसिले में पिछले महीने दिल्ली एनसीआर, लखनऊ, सिकंदराबाद और कोलकाता सहित 14 स्थानों पर छापे मारे गए थे, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को गौतम थापर के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

सीबीआई के मुताबिक, थापर के अलावा रघुबीर कुमार शर्मा, राजेंद्र कुमार मंगल, तापसी महाजन और उनकी कपंनियों ऑयस्टर बिल्डवैल प्रा.लि., अवंता रियल्टी प्रा.लि. तथा झाबुआ पॉवर लि. के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी आशीष विनोद जोशी की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

थापर और अन्य आरोपियों पर 466.15 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और जालसाजी में संलिप्तता का आरोप है। मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई की टीम ने दिल्ली और एनसीआर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, सिकंदराबाद, तेलंगाना और कोलकाता, पश्चिम बंगाल में 14 स्थानों पर छापेमारी की।

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