नई दिल्ली: अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और इज़राइल के गैडोट केमिकल्स टैंकर एंड टर्मिनल्स लिमिटेड के गठबंधन ने 14 जुलाई को इज़राइल (Israel) के हाइफ़ा पोर्ट (Haifa Port) के निजीकरण के लिए निविदा जीती।
दोनों कंपनियां हाइफा पोर्ट कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गठबंधन ने अनुबंध जीतने के लिए 4.1 अरब शेकेल (करीब 1.17 अरब डॉलर) की बोली लगाई थी।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने ट्विटर पर इस खबर की घोषणा की।
जनवरी 2020 में, इज़राइली सरकार ने हाइफ़ा बंदरगाह के निजीकरण के साथ आगे बढ़ने के लिए मतदान किया, इस उम्मीद के साथ कि इसका नया मालिक इसे अपग्रेड करने में लगभग 292 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा।
इज़राइल के वित्त मंत्री एविगडोर लिबरमैन ने कहा, “हाइफ़ा बंदरगाह के निजीकरण से बंदरगाहों पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और जीवन यापन की लागत कम होगी।”
सभी सामान का लगभग 98% समुद्र के ऊपर इज़राइल में और बाहर जाता है और सरकार आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र का उन्नयन कर रही है।
हाइफ़ा का बंदरगाह देश के तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों में सबसे बड़ा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)