बिहार

हताशा के शिकार प्रतियोगी छात्र आखिर कहा जाएं?

पटना: वर्तमान समय में सरकारी नौकरी (Government Jobs) को लेकर जिस तरह से मारामारी दिख रही है उन सबके बीच फसे प्रतियोगी छात्र (competitive students) का दुख बहुत ही गहरा है जो शायद ही किसी को समझ में आता हो। हर बार फॉर्म भरने से उम्मीद शुरू हो जाती है। और तैयारी भी हर फार्म […]

पटना: वर्तमान समय में सरकारी नौकरी (Government Jobs) को लेकर जिस तरह से मारामारी दिख रही है उन सबके बीच फसे प्रतियोगी छात्र (competitive students) का दुख बहुत ही गहरा है जो शायद ही किसी को समझ में आता हो। हर बार फॉर्म भरने से उम्मीद शुरू हो जाती है। और तैयारी भी हर फार्म के पीछे एक विद्यार्थी का समर्पण लगन, मेहनत और भविष्य के सुनहरे सपनों की आस लगाए हुए दिन रात उस भर्ती में सफल होने का ख्वाब देखता है।

लेकिन यह ख्वाब हकीकत में तब्दील करते करते उसके जवानी के महत्वपूर्ण समय 18 से 21, 21 से 25 और 25 से 30 वर्ष के बीच का समय कब निकल जाता है। उसे भी नहीं पता चलता। क्योंकि यहां भर्ती के ना सिर्फ 3 चरण होते हैं। बल्कि उसमें भी और दूसरे चरण जुड़ गए हैं।

देश या प्रदेश में नई सरकार बनते ही या फिर बनने के पहले सारी सरकारें एक ही वादा करती हैं। हम आएंगे तो सरकारी विभाग में खाली इतने लाख पदों पर सरकारी नौकरी देने का काम करेंगे। उसके बाद यही कहकर साल 2 साल निकाल देते हैं। इस बीच लालीपॉप देने के रूप में कुछ भर्तियों का नोटिफिकेशन निकाल देंगे। और कुछ तो सिर्फ यह कहकर सांत्वना देते रहेंगे कि फलां चीज की भर्ती आने वाली है। इस चक्कर में युवा यहां न जाने कितने सपने संजोए उस भर्ती के लिए दिन रात एक कर करें पढ़ाई में जुटे रहते हैं।

यहां सरकारी नौकरी पाना इतना आसान नहीं है। इन चरणों से भी होकर प्रतियोगी छात्रों को गुजरना पड़ता है यूं तो सामान्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, इंटरव्यू से गुजरना होता है।

लेकिन यह उत्तर बिहार है यहां कुछ अलग ही चरण चलते हैं। यहां सबसे पहले सरकार को उसका वादा याद दिलाना पड़ता है कि तुम कहे थे हमारी सरकार बनेगी तो 97,000 शिक्षक भर्ती निकालेंगे। यानी विज्ञापन जारी करवाने से शुरू होता है आंदोलन। अब विज्ञापन जारी होते होते 7 महीने निकल जाते हैं तब कहीं जाकर यह विज्ञापन जारी होगा की फला चीज की भर्ती का ऑनलाइन फॉर्म इस दिन से इस दिन तक भरा जाएगा।

फॉर्म भरने के बाद सरकार और भर्ती एजेंसी दाल-भात खाकर सुस्ता जाती है। और 1-2 साल तक खोज खबर ही नहीं लेती। जैसे रेलवे वैकेंसी (NTPC, Group D) का फार्म निकले लगभग हजार दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन अभी इसकी पूरी परीक्षा का प्रक्रम ही पूरा नहीं हुआ सलेक्शन तो दूर की बात है। इसी प्रकार से अन्य वैकेंसियों में भी हो रहा।