बिहार

सुप्रिया हत्याकांडः हर एक की जुबां पर एक ही बात, हत्यारे को फांसी दो

समस्तीपुरः सुप्रिया जिसके पिता उमा ठाकुर जो एक काबिल शिक्षक है, उन्होंने अनेकों छात्र छात्राओं को बुलंदी के शिखर पर पहुंचाया है, लेकिन, आज वह टूट से गए हैं। उनकी नन्हीं परी सुप्रिया जिसके लिए उन्होंने जो अरमान पाल रखे थे, वह कुछ वहशी दरिंदों ने चूर-चूर कर दिए। वह मां जो 14 वर्षों से […]

समस्तीपुरः सुप्रिया जिसके पिता उमा ठाकुर जो एक काबिल शिक्षक है, उन्होंने अनेकों छात्र छात्राओं को बुलंदी के शिखर पर पहुंचाया है, लेकिन, आज वह टूट से गए हैं। उनकी नन्हीं परी सुप्रिया जिसके लिए उन्होंने जो अरमान पाल रखे थे, वह कुछ वहशी दरिंदों ने चूर-चूर कर दिए। वह मां जो 14 वर्षों से अपनी फूल सी बेटी को सहेज रही थी, उनकी तो पूरी दुनिया ही वीरान हो गई। ऐसा कुकर्मी अपराध करने वाले दरिंदों को ऐसी सजा मिले जिससे कि उस कातिल और ऐसा गंदा सोचने वाले के मन में भी एक डर पैदा हो सके। कुछ युवाओं ने तो यह भी स्टेटमेंट दे डाला की प्रशासन की इससे विफलता को देखते हुए अब हमें ही कानून को अपने हाथों में लेना होगा। 

हमेशा से यह होता आया है की किसी बहू बेटी के साथ इस तरह का घटना होती है और प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता है। इसी कारण आज अपराधी बेखौफ अपराध करते हैं।। समस्तीपुर और वैशाली वासी सुप्रिया को अपनी बेटी मानते थे क्योंकि उनके पिता उमा ठाकुर ने अपना सारा जीवन उनके बच्चों को सवारने में लगा दिया। 

चंदन कुमार ने यह तक कह डाला की सुप्रिया के कातिल को फांसी देने के लिए यदि जल्लाद नहीं मिलेगा तो मैं उसका भाई जल्लाद बनकर उसकी फांसी का लीवर खींचने को तैयार हूं। इस खबर के माध्यम से वह सरकार के आला अधिकारियों एवं न्यायपालिका से हाथ जोड़कर निवेदन करता है कि सुप्रिया के कातिल को जल्द से जल्द फांसी हो।

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