भोजपुरी गायकों (Bhojpuri Singer) को सूचीबद्ध किया गया है जिसमें से 23 अश्लीलता की सारी हदे पार कर चुके हैं। जबकि 170 पर सीधे यौन उत्पीड़न का मामला बनता है। गीतकारों की बात करें तो 15 ऐसे गीतकार है जो कुछ भी लिखने से परहेज नहीं करते। खुद को सुपरस्टार और उसके ऊपर स्टार समझने वाले इन गायको के गीत मां बहन बेटी फुआ चाची दादी किसी के साथ आप नहीं सुन सकते। फिर भी इनके व्युज करोड़ों में जाते है।
इनको गलतफहमी है कि वे इंडस्ट्री के तारणहार हैं। इनके जहरीले बोल ने समाज में ऐसा जहर बोया है की समाज मे यौन उत्पीड़न और यौन अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत गंगा बचाओ अभियान समिति के प्रमुख विकास चंद्र गुडु बाबा के नेतृत्व में विगत 6 माह से ऐसे गायक गीतकारों म्यूजिक कंपनियों संगीतकारों की सूचियां तैयार की जा रही थी। अब पूरी फाइल तैयार है।
यह लड़ाई ना राजनैतिक है ना व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा पर आधारित और ना ही किसी से व्यक्तिगत खुन्नस निकालने की लड़ाई है। लड़ाई भोजपुरी को बचाने की है। समाज में फैली गंदगी को साफ करने की है। यह लड़ाई नहीं रुक सकती है।
आगे-आगे देखिए कैसे लड़ाई आंदोलन का रूप लेती है। पुख्ता प्रमाण के साथ जनहित याचिका का ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। भोजपुरी के 500 से ज्यादा ऐसे जानकार लोगों को इसमें सूचीबद्ध किया गया है जो गवाह के तौर पर न्यायालय के सामने बताएंगे अश्लील शब्द, शराब और वायरस से भी ज्यादा खतरनाक कैसे होते हैं।
याचिकाकर्ता गुड्डू बाबा ने बताया कि बिहार भ्रमण के दौरान हजारों लोगों ने उनसे इस मामले पर बात की। खासकर लड़कियों ने बताया कि गंदे गानों के कारण घर से निकलना दूभर हो गया है। इंटरनेट के संजाल के बाद हाथ-हाथ में मोबाइल है और हर कोई गंदे गानों की लत में खोया जा रहा है। इस सामाजिक जागरूकता को दूर करने के लिए ही वे मैदान में उतरे है।