नई दिल्ली: संसद में भी बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों की गूंज हुई। इस दौरान भाजपा के लोकसभा सदस्यों ने गुरुवार को राज्य में जहरीली शराब से हुई मौतों को ‘सामूहिक हत्या’ करा दिया। इस मामले में भाजपा सदस्यों ने केंद्र से इस घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। साथ ही कहा कि महागठबंधन सरकार को बर्खास्त कर तुरंत बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने लगा देना चाहिए।
बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद भी पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में नकली शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जायसवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि बिहार में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति का संज्ञान ले और जहरीली शराब से राज्य में 37 लोगों की हत्या के लिए 37 बिहार की महागठबंधन के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करें।
उन्होंने आरोप लगाया कि शराब से 37 लोगों की मौत बिहार सरकार द्वारा 37 लोगों की हत्या का प्रायोजित कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद भी पुलिस की मदद और सुरक्षा से हर घर में नकली शराब की आपूर्ति की जा रही है।
बिहार में हालात का जायजा लेने केंद्र टीम भेजे: रूडी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस जहरीली शराब के मुद्दे पर बिहार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मांग की कि इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए बिना किसी देरी के एक केंद्रीय टीम भेजे। उन्होंने यह भी मांगी की कि इस मामले पर गृह मंत्रालय राज्य सरकार से इस पर एक रिपोर्ट की भी मांग करे। रूडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार आपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से विफल रही है।
बिहार सरकार जिम्मेदार: सुशील कुमार सिंह
भाजपा के औरंगाबाद से सांसद सुशील कुमार सिंह ने जहरीली शराब से हुई मौतों को सामूहिक हत्या करार देते हुए इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘बिहार सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं है।’