बिहार

थानों में आज भी कायम है मुंशी राज

                          पटना: फतुहा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर प्रेम यूथ फाउंडेशन की ओर से पुलिस उत्पीड़न एवं मानवाधिकार हनन के विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस मौके पर उपस्थित फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने कहा कि बिहार पुलिस […]

                         
पटना: फतुहा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर प्रेम यूथ फाउंडेशन की ओर से पुलिस उत्पीड़न एवं मानवाधिकार हनन के विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस मौके पर उपस्थित फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने कहा कि बिहार पुलिस का चेहरा अंग्रेज के पुलिस से भी खौफनाक है थानों में आज भी मुंशी राज कायम है । आम आदमी को एक मामूली सनहा दर्ज कराने के लिए थानों में चक्कड़ लगाना पड़ता है तथा मुंशी को चढावा भी करना पड़ता है । 

ताजा मामला है पटना के शास्त्री नगर थाना का एक पत्रकार को पुलिस ने जमकर पीटा पत्रकार का बस इतना ही गलती था कि पुलिस वीना महिला पुलिस के महिला के साथ धक्का मुक्की कर रही थी पत्रकार ने इसका वीडियो बनाने का जुर्रत कर दिया फिर क्या सभी पुलिसकर्मियों ने मिलकर पत्रकार को धुन दिया तथा मोबाइल और कैमरा भी जप्त कर लिया । आम आदमी और महिलाएं आज भी थाना जाने से डरते है । पुलिस पर से लोगो का भरोसा कम होते जा रहा है । छोटी छोटी गलती पर भी पुलिसकर्मियों ने मानवाधिकार हनन कर बैठती है । एक थानेदार को कंट्रोल में रखने के डीएसपी से लेकर डीजीपी तक है फिर भी लगातार जनता के मित्र के रूप में काम करने की नसीहत पुलिस के आलाधिकारी की ओर से दिया जाता है लेकिन थाना स्तर पर इसका कोई असर नही दिखता है  मानवता की रक्षा के लिए लाखों की लागत से हर थानों में तीसरी आँख सीसीटीवी लगाया गया है लेकिन वो भी मानवाधिकार हनन को रोकने में सफल नही हो पाया  पुलिस अगर गुंडो की तरह व्यवहार करने लगे तो आम आदमी कहा जायेगा किससे करेगा अपना फरियाद । उन्होंने पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण में नैतिक शिक्षा को शामिल करने की जरूरत पर बल देते हुये बताया कि हमे हर हाल में मानवता की रक्षा के लिए खड़ा होना ही चाहिए । इस अवसर पर डॉ लक्षमी नारायण ,डॉ संजय कुमार  दिलीप कुमार,सुधीर शर्मा ने भी अपना विचार प्रकट किया ।

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