बिहार

पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर गोलबन्द होने लगे हैं मीडियाकर्मी

पटनाः बिहार प्रेस मेंस यूनियन और भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के संयुक्त तत्वाधान में 28 नवंबर को पत्रकारों द्वारा प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया है। संबंधित मांगों को लेकर संगठन का एक शिष्टमंडल पिछले दिनों बिहार के महामहिम राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मांग पत्र दिया था जिस दौरान राज्यपाल महोदय राजभवन राज्य […]

पटनाः बिहार प्रेस मेंस यूनियन और भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के संयुक्त तत्वाधान में 28 नवंबर को पत्रकारों द्वारा प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया है। संबंधित मांगों को लेकर संगठन का एक शिष्टमंडल पिछले दिनों बिहार के महामहिम राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मांग पत्र दिया था जिस दौरान राज्यपाल महोदय राजभवन राज्य के मुख्य सचिव को बुलाकर बैठक कराने की बात और समस्या के निराकरण कराने की बात कही थी, परन्तु अभी तक इस संबंध में पहल नहीं हो पाया है।

बिहार प्रेस मेन्स यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष एवं भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव एस. एन. श्याम ने कहा कि बिहार के अररिया जिले में सन्मार्ग के पत्रकार विश्वास को गोली मार दे घायल करना, मधुबनी जिला में आरटीआई एक्टिविस्ट एवं पोर्टल के पत्रकार बुद्धि नाथ झा उर्फ अविनाश झा की जला कर निर्मम हत्या करना, मोतिहारी में सुदर्शन न्यूज़ पत्रकार मनीष कुमार की बोटी-बोटी काटकर हत्या के मामले से पत्रकारों भाई एवं दहशत व्याप्त है इस तरह की वारदात लोकतंत्र के लिए घातक है और निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। उन्होंने राज्य सरकार से शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की  मांग की है।

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