पटना: मधुबनी के बेनीपट्टी निवासी न्यूज़ पोर्टल बीएनएन के पत्रकार आरटीआई एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश हत्याकांड में मधुबनी पुलिस ने अपनी छीछालेदर से बचने के लिए आनन-फानन में इस कांड की लीपापोती कर दी है। बेनीपट्टी के डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने आज मधुबनी जिला मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन कर यह जानकारी दिया कि हत्याकांड में एक महिला समेत 6 लोग गिरफ्तार कर लिए गए ।गिरफ्तार लोगों में रोशन कुमार साह ,बिट्टू कुमार, दीपक कुमार पंडित, पवन कुमार पंडित, मनीष कुमार और पूर्णकला देवी शामिल है ।प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाजप्ता मधुबनी पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। लेकिन मधुबनी पुलिस लीपापोती ने उजागर कर दिया कि बुद्धिनाथ झा हत्याकांड में मधुबनी पुलिस की हत्यारों के साथ मेल जोल है ।
मजे की बात तो यह रही कि जिला मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस होने के बावजूद जिले के पुलिस कप्तान इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से नदारद रहे ।डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने यह खुलासा किया कि बुद्धिनाथ झा की 9 नवंबर को अंतिम बातचीत पूर्णकला देवी के साथ हुई थी। पूर्णकला देवी के सामने ही अपहर्ताओं ने बुद्धिनाथ का अपहरण कर उन्हें के के चौधरी की किलिनिक की ओर ले गये।। उनका यह बयान की बुद्धिनाथ के साथ मोबाइल पर वार्तालाप के दरमियान पूर्णकला नैहर में होने की जानकारी दी वह भी असत्य निकला।जबकि डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने यह स्वीकार किया पूर्णकला ने इस मामले में पुलिस को गुमराह किया और असत्य बयान दिया। मधुबनी पुलिस प्रेस नोट में निम्नांकित खामियां मधुबनी पुलिस के दागदार चेहरे और खादी के काले धब्बे की गवाही दे रहा है :–
* पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट बुद्धिनाथ झा के हत्या के कारणों का न तो प्रेस नोट में खुलासा किया गया और ना ही डीएसपी ने इसकी जानकारी दी।
*बुद्धिनाथ झा और पूर्ण कला देवी के बीच के संबंधों का भी खुलासा मधुबनी पुलिस ने नहीं किया।
* बुद्धिनाथ झा के भाई ने प्राथमिकी में जिन नर्सिंग होम का नाम दिया उन पर क्या कार्यवाई हुई और उनकी इस हत्याकांड में क्या संलिप्तता रही पुलिस इसे भी उजागर नहीं कर पाई।
*अखिर 9 नवंबर की रात बुद्धिनाथ झा रात के 10:00 बजे अनुराग हेल्थ केयर में पूर्ण कला देवी के पास क्यों , कैसे और क्या करने गए थे ? मधुबनी पुलिस जवाब देने में अभी तक सफल नहीं है।
*बुद्धिनाथ झा कहीं त्रिकोणात्मक प्रेम की भेंट तो नही चढ़ गये। इस सवाल का जवाब भी ना तो डीएसपी अरुण कुमार दे पा रहे हैं और मधुबनी के पुलिस कप्तान तो मोनी बाबा बन गए हैं न पत्रकारों से मिलना चाहते हैं और नहीं उनका फोन रिसीव करते हैं।
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