पटना: सिवान लोकसभा क्षेत्र से राजद ने अंतत विधायक अवध बिहारी चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि एनडीए की तरफ से जनता दल यूनाइटेड यहां से चुनाव लड़ रही है, जिसने अपने वर्तमान सांसद कविता सिंह का टिकट काटकर पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी यह लक्ष्मी देवी को टिकट दिया है। पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहब निर्दलीय सिवान से चुनाव लड़ रही है। उन्हें कई संगठनों का समर्थन भी प्राप्त है।
सिवान की राजनीति पिछले 3 दशकों से पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के इर्द गिर्द ही घूमती रही। सिवान में पिछले तीन चुनाव के जो प्रमुख प्रतिद्वंदी रहे इस बार सियासी साजिश के कारण लड़ाई से बाहर ओम प्रकाश यादव ने 2009 में निर्दलीय सिवान से चुनाव जीत 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते 2019 में गठबंधन धर्म के कारण उनका टिकट काट दिया गया।
सीट बीजेपी से जदयू के पास चली गई कविता सिंह यहां से चुनाव जीतने में सफल हुई इस बार कविता सिंह को भी पार्टी दें टिकट नहीं दिया। हालांकि कविता सिंह ने बगावत नहीं की है और पार्टी के उम्मीदवार का यहां समर्थन कर रही है। शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद और उनके परिवार के बीच लंबी दरार किस चली गई उसी का परिणाम है कि पिछले तीन चावन से राजद के टिकट पर लेने वाली हिना साहब इस बार निर्दलीय ताल ठोक रही है।
जनता दल यूनाइटेड की उम्मीदवार के साथ मोदी लहर का भरोसा है तो दूसरी तरफ आरजेडी के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को सामाजिक न्याय वाले वोटरों पर भरोसा है। पर सिवान में लड़ाई सब को हिना सब से ही लड़नी है। स्वर्ण वोटरों का एक बड़ा समूह हिना साहब के साथ है। मुस्लिम वोटर भी साथ है। सहानुभूति लहर भी सिवान में इस बार हिना के ही साथ है।
सियासत में ऊंट कब किस किस करवट बैठ जाए कुछ नहीं कहा जा सकताहै। एनडीए के साथ सबसे बड़ी दुविधाओं उम्मीदवार को लेकर है। जातीय समीकरण के नाम पर एक साथ कई बड़े नेताओं को यहां अपने राजनीतिक कैरियर की बलि देनी पड़ी है। कविता सिंह के टिकट काटने की स्थिति में ओम प्रकाश यादव यहां से टिकट के प्रबल दावेदार थे।
हालांकि टिकट मंगल पांडे और कारनेजीत सिंह भी चाह रहे थे। प्रत्याशी समीकरण में उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को 2 घंटे के अंदर जदयू में शामिल कर उनकी पत्नी को उम्मीदवार बना दिया गया। जिसको लेकर खुलकर तो कोई नहीं बोल रहा पर जमीनी हकीकत है कि यहां पर सब कुछ ठीक नहीं है।
अवध बिहारी चौधरी के राजद के उम्मीदवार बनने के बाद यादव मतों की गलबंदी उनके पक्ष में होगी। हिना साहब को लेकर चर्चा है। वोटरों का रुझान, सिवान का परिणाम सबको चौंका सकता है।