बिहार

30 करोड़ की फर्जी निकासी ,मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के ठिकानों पर छापा

पटना: बिहार के मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 30 करोड़ की फर्जी निकासी मामले को लेकर आज बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने डॉ प्रसाद के बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश के ठिकानों पर एक साथ छापामारी की ।इस छापामारी में कई संचिकाय, एक करोड़ की अचल संपत्ति और ₹500000 नगद […]

पटना: बिहार के मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 30 करोड़ की फर्जी निकासी मामले को लेकर आज बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने डॉ प्रसाद के बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश के ठिकानों पर एक साथ छापामारी की ।इस छापामारी में कई संचिकाय, एक करोड़ की अचल संपत्ति और ₹500000 नगद बरामद होने की सूचना है ।खबर लिखने तलाशी का क्रम अनवरत जारी था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने कांड संख्या 2/  2021 के तहत कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद उनके सहयोगी सुबोध कुमार ,ओम प्रकाश जितेंद्र कुमार और लखनऊ के प्राइवेट कंपनी के विरुद्ध मामला दायर कर न्यायालय से सर्च वारंट लिया ।बुधवार की सुबह निगरानी पुलिस ने बिहार के गया ,उत्तर प्रदेश के लखनऊ और गोरखपुर में एक साथ छापामारी की।

इस छापामारी में गया स्थित डॉ प्रसाद के आवास से कई संचिकाएँ बरामद की गई जिसमें हेरफेर और जालसाजी किए जाने का खुलासा हुआ है ।विशेष निगरानी पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने बताया कि गत 3 वर्षों में डॉ प्रसाद द्वारा ₹300000000 की अवैध निकासी का मामला सामने आया है ।डॉ प्रसाद ने अपने पुत्र सहित कई रिश्तेदारों को टेंडर शर्तों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों का भुगतान कर दिया। इसके साथ ही लखनऊ की कंपनी को गलत ढंग से विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिका छापने और सिक्योरिटी गार्ड के साथ ही अपने चहेतों से कई प्रकार की सामग्रियां खरीदने का टेंडर दे दीया। बताते हैं कि विश्वविद्यालय में मात्र 47 सिक्योरिटी गार्ड काम कर रहे हैं जबकि 86 के नाम पर भुगतान किया जा रहा था ।
विश्वविद्यालय में ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर प्रायः हर काम में पैसे की लेनदेन का खेल खुल्लम-खुल्ला जारी था।यह सब कुछ डॉ राजेंद्र प्रसाद के संरक्षण में चल रहा था ।नियम के विपरीत डॉ प्रसाद ने विश्वविद्यालय की कई सचिकाओं को अपने कार्यालय में न रखकर उसे घर पर रखा था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में प्राइवेट कंपनी से लाखों रुपए रिश्वत लेकर उसे नियम के विरुद्ध टेंडर दिया गया ।डॉ राजेंद्र प्रसाद के विरुद्ध भादवी की धारा 120 (बी )/ 420 के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 12 13 (1) 13 (2) और पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की है ।डॉ प्रसाद के विरुद्ध स्पेशल विजिलेंस यूनिट की इस कार्रवाई से बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है ।कई भ्रष्टाचारी शिक्षाविद स्पेशल विजिलेंस यूनिट के रडार पर हैं।

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