पटना: राजधानी पटना समेत चार जिलों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देश के आलोक में राज्य के चार नगरीय क्षेत्रों पटना, गया, मुजफ्फरपुर व हाजीपुर, जहाँ विगत वर्ष परिवेशीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब, बहुत खराब या गंभीर पायी गयी थी। वहाँ किसी भी प्रकार के पटाखों के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। गौरतलब हो कि उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन दण्डनीय है। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् द्वारा भी इसके अनुपालन हेतु आदेश दिया गया है।
जिला प्रशासन पटना द्वारा जिलेवासियों से आह्वान किया गया है कि पर्यावरण-अनुकूल दीपावली मनाएँ। पटाखों का प्रयोग न करें। पटाखों से निकलने वाला धुआँ, जिसमें हानिकारक रसायन होता है।जो हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुँचाता है।
आतिशबाजी व पटाखा में उपयोग किए जाने वाले बारूद एवं भारी धातुओं तथा रसायनों के उपयोग से वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि होती है। इससे बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों तथा हृदय रोगियों को खतरा होने के साथ-साथ सभी प्राणी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि दीये जलाने में किरासन तेल का उपयोग न करें। क्योंकि इसके जलने से निकलने वाला धुआँ हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है।वहीं हमारी आँखों में जलन, आँसू एवं धुंधलापन ला सकता है।
जिलाधिकारी, पटना एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना ने जिलान्तर्गत सभी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने हेतु धावा दल को सतत क्रियाशील रखने तथा दोषियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।