पटना: बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 119 अल्ट्रा साउंड सेंटर (ultrasound centers) को मंगलवार को सील कर दिया। आरोप है कि इन सेंटर पर गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 का उल्लंघन कर और सरकार के आदेश की अनदेखी कर ये भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि PCPNDT एक्ट भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू एक कानून है। इस कानून के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डॉक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार तक जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इस कड़ी में सभी जिलों के सिविल सर्जनों को अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच के आदेश दिए गए हैं। इसी के तहत बीते मंगलवार को विभिन्न जिलों में कराई गई जांच में 119 ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर की पहचान हुई, जो गुपचुप तरीके से लिंग परीक्षण कर रहे थे।
प्रत्यय अमृत के अनुसार आज की कार्रवाई में अररिया में 28, मुजफ्फरपुर में 43, बक्सर में 18, औरंगाबाद में 11, सारण में 15 जबकि नवादा में 4 अल्ट्रासाउंड सेंटर को बंद करा दिया गया है।