बिहार

सिस्टम पर प्रहार: मनीष कश्यप ने क्षतिग्रस्त पुल के लिए हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया

आज बिहार में लगातार गिल रहे पुल और पुलियों के मामलों को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप ने पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका आज दायर की है।

पटना: ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। पर सिस्टम में व्याप्त करप्शन को दूर करने के लिए आप या हम सिर्फ अखबार मैगजीन टेलीविजन चैनल सोशल मीडिया पर कितना भी लिख ले, वीडियो बना ले, भ्रष्ट सिस्टम इससे दूर नहीं होने वाला है।

आज बिहार में लगातार गिल रहे पुल और पुलियों के मामलों को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप ने पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका आज दायर की है तथा कोर्ट के निगरानी में उन तमाम बिहार के पुल-पुलियों की जांच करने की मांग की है, जो अपने निर्माण काल में ही गिर गए हैं या जिनका निर्माण कार्य वर्षों से लंबित है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान बिहार में 14 से ज्यादा निर्माणाधीन पुल क्राफ्ट सिस्टम के कारण गिरे है। पुल गिरने के बाद लोगों का ध्यान उसे तरफ जाता है और सरकार एक कमेटी का गठन कर मामले की लीपापोती कर देती है। आम आदमी को इससे ज्यादा कोई मतलब नहीं होता। पर जो पैसा इन निर्माण कार्यों में लगता है वह आम आदमी के गाढ़ी कमाई के टैक्स का पैसा होता है।

बाहर के प्रदेशों में मीडिया द्वारा बिहार की घटनाओं को ज्यादा प्रचारित प्रसारित किया जाता है और इसी कारण बिहार की छवि दूसरे प्रदेशों के लोगों के नजर में एक ऐसे प्रदेश की हो जाती है, जहां लगातार पुल गिरते हैं, परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हो जाते हैं। अस्पताल में मरीज बेहतर चिकित्सा और दावों के अभाव में मर जाता है।

45 डिग्री तापमान में आप वातानुकूलित कमरों में बैठकर अपने मन की कहानी रचते रहिए पर कोई तो है जो इस बिहार के लिए सोच रहा है। विरोध करना है तो विरोध कीजिए, समर्थन करना है तो समर्थन कीजिए।

पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता दिवाकर कुमार ने जनहित के इस मामले को निशुल्क हाईकोर्ट में लड़ने की घोषणा की है। साथ ही साथ यह भी कहा है कि मनीष कश्यप भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ जितने भी जनहित के मामले लेंगे, उनकी टीम बिना ₹1 लिए उन मामलों को कानूनी सहायता प्रदान करेगी।