NZ vs IND: रविवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन 147 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मेजबान टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। भारतीय बैटिंग का आलम ये रहा कि केवल रिषभ पंत ही न्यूजीलैंड के बॉलरों का सामना कर पाए और उन्होंने 64 रन बनाए। सात बल्लेबाज दहाई का अंक भी पार नहीं कर पाए। कप्तान रोहित शर्मा 11 रन और वाशिंगटन सुंदर 12 रन की दहाई का आंकड़ा पार कर पाए।
जिसके चलते न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को भारत में 3-0 से सीरीज हराकर क्लीन स्वीप किया। इससे पहले इतिहास में भारतीय टीम कभी भी भारत में इतनी बुरी तरह से सीरीज नहीं हारी थी।
भारतीय टीम के टॉप और मीडिल ऑडर का प्रदर्शन पूरी सीरीज में खराब रहा जिसके चलते भारत को इस सीरीज में बुरी तरह से शिकस्त मिली।
रोहित शर्मा का प्रदर्शन
पूरी सीरीज में कप्तान रोहित शर्मा ने मात्र 91 रन बना। केवल पहले मैच में ही रोहित 52 रन बनाने में सफल रहे और पूरी सीरीज में दहाई का आंकड़ा भी पार करने के लिए तरसते नज़र आए। एक मैच में उनके एक इनिंग के 52 रन छोड़ दिए जाएं तो उन्होंने बाकी 5 इनिंग में केवल 39 रन ही बना सके।
विराट कोहली का प्रदर्शन
अब बात करते हैं हमारे दूसरे सबसे अनुभवी खिलाड़ी विराट कोहली की, जिनके नाम अनेकों रिकार्ड हैं। लेकिन इस सीरीज में एक मैच को छोड़ दिया जाए, जिसमें उन्होंने 70 रन बनाए तो उनका प्रदर्शन इतना खराब रहा कि बाकी 5 इनिंग में वह केवल 23 रन ही बना सके।
पूरी सीरीज में ज्यादातर खिलाड़ी न्यूजीलैंड के बॉलरों के आगे संघर्ष करते नजर आए।
बीसीसीआई को लेने होंग कुछ कड़े निर्णय
अब लगता है कि बीसीसीआई को कुछ कड़े निर्णय लेने ही होंगे, ताकि भविष्य में भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार किया जा सके। जो भी खिलाड़ी चाहे सीनियर हों या जूनियर अगर सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं तो उनकी टीम में कोई जगह नहीं है।
टेस्ट क्रिकेट इस खेल की जान है, लेकिन कुछ खिलाड़ी सभी फार्मेट में खेलते हैं और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसलिए जरूरी है कि टेस्ट क्रिकेट की टीम बिलकुल अलग हो, जो कम से कम 20-20 क्रिकेट से दूर रहें। शायद बीसीसीआई का यही कदम टेस्ट क्रिकेट को बचा सके।