धर्म-कर्म

Durga Ashtami 2024: दुर्गा अष्टमी का मुहूर्त, अनुष्ठान और महत्व

नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दुर्गा अष्टमी आज व्यापक रूप से मनाई जा रही है।

Durga Ashtami 2024: दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami), जिसे महा अष्टमी (Maha Ashtami) के नाम से भी जाना जाता है, नवरात्रि उत्सव के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। यह हिंदू महीने अश्विन के दौरान चंद्रमा के बढ़ते चरण के आठवें दिन (अष्टमी) को पड़ता है, आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में।

नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दुर्गा अष्टमी आज व्यापक रूप से मनाई जा रही है। इस दिन को महाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, इसका बहुत धार्मिक महत्व है क्योंकि यह देवी दुर्गा के रूप में माँ महागौरी की पूजा करने के लिए समर्पित है। पूरे भारत में, भक्त कन्या पूजन जैसे अनुष्ठान कर रहे हैं, जहाँ छोटी लड़कियों को देवी के अवतार के रूप में पूजा जाता है, और संधि पूजा, जो अष्टमी और नवमी के बीच शक्तिशाली संक्रमण का प्रतीक है।

दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त (Durga Ashtami Shubh Muhurt)
दुर्गा अष्टमी तिथि प्रारंभ, 10 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 12:31 बजे, अष्टमी तिथि समाप्त, 11 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 12:06 बजे

यहाँ दुर्गा अष्टमी का एक संक्षिप्त अवलोकन दिया गया है:

दुर्गा अष्टमी का आध्यात्मिक महत्व (Durga Ashtami Spiritual significance)
इस दिन, देवी दुर्गा की पूजा उनके महागौरी (पवित्रता, शांति और आशा का प्रतीक) या महिषासुर मर्दिनी के रूप में की जाती है, जो भैंस राक्षस महिषासुर को हराने वाला एक भयंकर रूप है।

ऐसा माना जाता है कि दुर्गा अष्टमी दुर्गा और महिषासुर के बीच लड़ाई की परिणति का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

अनुष्ठान और परंपराएँ

कुमारी पूजा
दुर्गा अष्टमी के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक कुमारी पूजा है, जहाँ युवा, अविवाहित लड़कियों (दिव्य स्त्री का प्रतिनिधित्व करती हैं) को देवी के रूप में पूजा जाता है।

संधि पूजा
अष्टमी और नवमी के बीच का संक्रमण काल, जिसे संधि पूजा के नाम से जाना जाता है, अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह वह समय है जब देवी दुर्गा से चामुंडा (देवी का एक उग्र रूप) में परिवर्तित होती हैं।

प्रसाद और प्रार्थना
भक्त देवी को फूल, फल और विशेष व्यंजन चढ़ाते हैं और दुर्गा को समर्पित मंत्र, भजन और श्लोक पढ़ते हैं।

उपवास
कई लोग उपवास रखते हैं, या तो फल और दूध का सेवन करते हैं या अनुष्ठान पूरा होने तक भोजन से पूरी तरह परहेज करते हैं।

धुनुची नाच
कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से बंगाल में, भक्त धूपबत्ती (धुनुची) के साथ एक विशेष नृत्य करते हैं, जो दिन में भक्ति और उत्सव की भावना जोड़ता है।

उत्सव
दुर्गा अष्टमी विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, ओडिशा और भारत के अन्य हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह दुर्गा पूजा उत्सव का एक प्रमुख आकर्षण है, जिसमें देवी दुर्गा की मूर्ति के लिए जीवंत पंडाल (पूजा के लिए अस्थायी संरचना) स्थापित किए जाते हैं और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

क्या आप किसी विशिष्ट अनुष्ठान के बारे में या किसी विशेष क्षेत्र में उसके मनाए जाने के तरीके के बारे में अधिक जानना चाहेंगे?