शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार सायं को यहां दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित भजन संध्या ‘भज गोविंदम’ में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नशे की समस्या पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नशा निवारण पहल का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नशे की तस्करी पर अंकुश लगाने और नशे के आदि लोगों के पुनर्वास के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश सरकार ने नशे की तस्करी में संलिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और पिछले माह कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। युवाओं को इनके चंगुल से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य नशे की आदत से प्रभावित लोगों और उनके परिवारों को इससे बाहर निकालकर फिर से समाज की मुख्य धारा में शामिल करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के अन्तर्गत कोटला-बड़ोग में राज्य स्तरीय नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने जा रही है। यह केंद्र मादक पदार्थों की आदत से जूझ रहे लोगों को बाहर निकालकर समाज की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक साबित होगा।
इसके अतिरिक्त जिला सोलन के कंडाघाट में नौ हजार दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार राज्य की विधवा एवं एकल नारियों के 23 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है और प्रदेश के वृद्धजनों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए एक नई योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को आत्म जागृति की ओर प्रेरित करना और समाज के प्रति उतरदायित्वों का बोध करवाना है। उन्होंने कहा कि संत, गुरू, समाज सुधारकों का समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने और समाज की सुदृढ़ नींव रखने तथा जीवन में संतुलन स्थापित करने में अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिव्य गुरू आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में संस्थान भारत और विदेशों में समाज सेवा के कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से नूर महल में संस्थान का दौरा किया है और वहां संचालित हो रहे आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को देखा है।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इस दिशा में अनेक नवाचार कदम उठाए गए हैं। जिला सोलन के नालागढ़ में एक मेगावाट क्षमता वाला ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है जिसके आगामी वर्ष जुलाई तक तैयार होने की संभावना है।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अद्वितीय सौन्दर्य और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में सतत् विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र के माध्यम से कालका- शिमला रेल सेवा का संचालन ग्रीन हाइड्रोजन के माध्यम से संचालित करने का अनुरोध किया है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।