हिमाचल

हिमाचल के मंदिरों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए बनेगी राज्यव्यापी नीतिः उपमुख्यमंत्री

सरकारी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण, IIIT को ड्रोन प्रशिक्षण के लिए छोटी अवधि के कोर्स शुरू करने का सुझाव दिया, प्रदेश की पहली ‘स्मार्ट विधानसभा’ बनेगी हरोली

शिमला: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज ऊना में कहा कि राज्य में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से सरकारी सेवाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से मंदिरों में दर्शन, दान और अन्य सेवाओं की व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक राज्यव्यापी नीति तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ एवं ऐतिहासिक मंदिर हैं। डिजिटल माध्यम से मंदिर दर्शन और डोनेशन की व्यवस्था बनाने समेत प्रदेश के लिए एकरूप डिजिटल व्यवस्था बनाने की दिशा में काम करें। उन्होंने शासन व्यवस्था को और बेहतर बनाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी के सदुपयोग पर बल दिया। साथ ही सार्वजनिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और रोजगार सृजन में तकनीक के बेहतर इस्तेमाल पर फोकस करने के निर्दश भी दिए।

मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना के पालकवाह स्थित कौशल विकास केंद्र के सभागार में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सम्मेलन डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से रोजगार सृजन तथा तकनीक को लोगों के करीब लाने और प्रदेश में सार्वजनिक सेवाओं में व्यापक सुधार व उनकी पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित है। इसमें नागरिक-केंद्रित डिजिटल एप्लीकेशनों और उभरती तकनीकों को समझने तथा समग्र विकास में उनके उपयोग को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

उपमुख्यमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार लाने और इसे ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक सेवाएं जैसे दवाओं की सप्लाई तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन इस दिशा में अभी और काम करने की आवश्यकता है।

उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि भारत में फिलहाल ड्रोन का निर्माण नहीं हो रहा है और अधिकतर ड्रोन चीन से आयात किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ड्रोन विनिर्माण की दिशा में तेजी से काम करना चाहिए ताकि हम आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही युवाओं के लिए ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण देने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने आईआईआईटी ऊना को विद्यार्थियों के लिए ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के तीन व छह माह की अवधि के कोर्स चलाने का सुझाव दिया।

उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का आह्वान करते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि तकनीक का लाभ आम लोगों तक पहुंचे और उनके जीवन को सरल बनाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति की सार्थकता तभी है जब यह सार्वजनिक सेवाओं को सुलभ बनाते हुए लोगों के जीवन में सुगमता लाए। उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए लोकमित्र केंद्रों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लोकमित्र केंद्र अभी स्थापित नहीं किए गए हैं, वहां इन्हें स्थापित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकें।

उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कैशलेस यात्रा सेवा शुरू की गई है। इसके जरिए यात्री अब ऑनलाइन एप्लीकेशन का उपयोग कर किराये का भुगतान कर सकते हैं।

श्री अग्निहोत्री ने ऊना जिला प्रशासन को अधिक से अधिक नवोन्मेषी कार्यक्रमों का आयोजन करने को कहा ताकि विद्यार्थी और युवा तकनीकी शिक्षा के माध्यम से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से न केवल विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान मिलेगा बल्कि उन्हें भविष्य के रोजगार के अवसरों के लिए भी तैयार किया जा सकेगा।

उपमुख्यमंत्री ने पंचायत स्तर पर तकनीकी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को आईटी तकनीकों के उपयोग के प्रति जागरूक किया जाए ताकि उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं और कार्यक्रमों की ऑनलाइन जानकारी मिल सके जिससे वह अधिक से अधिक पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिला सकें।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि देश में कंप्यूटर युग की शुरूआत राजीव गांधी ने की थी। उस समय विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया था कि संगणक (कम्प्यूटर) से देश का नुकसान होगा और रोजगार खत्म हो जाएंगे लेकिन समय ने दिखा दिया कि सूचना प्रौद्योगिकी ने भारत में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं और देश को प्रगति की नई राह पर आगे बढ़ाया है।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पहले लोगों को रोजगार समाचार के जरिए नौकरियों की जानकारी मिलती थी, लेकिन अब आईटी युग में कंप्यूटर, टैबलेट और मोबाइल फोन के जरिए नौकरियों की सूचना तुरंत ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है।

मुकेश अग्निहोत्री कहा कि हरोली विधानसभा प्रदेश की पहली ऐसी विधानसभा बनने जा रही है, जो पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी। अगले 15-20 दिनों में यह सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी जाएगी जिसके अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रवेश द्वार, मुख्य मार्ग, महत्वपूर्ण स्थल, चौराहे, बाजार और शिक्षण संस्थान सीसीटीवी से लैस होंगे। यह पहल क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के दृिष्टकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा तीव्र गति के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चार डिजिटल रडार भी स्थापित किए जा रहे हैं।

मुकेश अग्निहोत्री ने हरोली विधानसभा क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व विकास कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके पहली बार विधायक बनने से लेकर अब तक हरोली में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय, ट्रिपल आईटी, आईटीआई और तीन डिग्री कॉलेजों की स्थापना जैसी उपलब्धियां विकास के मुख्य उदाहरण हैं। इन सभी संस्थानों का उद्देश्य विद्यार्थियों और युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और तकनीकी कौशल से सुसज्जित करना है जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।

डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रौद्योगिकी का लाभ केवल विशिष्ट वर्ग तक सीमित न रहकर गांवों और हिंदी में कामकाज करने वाले आम नागरिकों तक भी पहुंचे। उन्होंने गावों में डिजिटल साक्षरता कैंप लगाने के लिए विभाग की ओर से समुचित आर्थिक सहयोग समेत हर संभव मदद का भरोसा दिया।

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने विभाग द्वारा किए गए नवाचारों और तमाम नई पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ई-जिला परियोजना के तहत अब लोग 251 सरकारी सेवाओं का लाभ घर बैठे ले सकते हैं जिससे उनकी दिनचर्या में बड़ा बदलाव आया है। जल्द ही इसमें 40 और सेवाएं जोड़ी जाएंगी।

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन, आईआईआईटी ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौर, बजाज फाइनेंस के मुख्य सूचना एवं तकनीकी अधिकारी अनुराग जैन, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, उपायुक्त जतिन लाल, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के अतिरिक्त निदेशक राजीव कुमार, संयुक्त निदेशक अनिल सेमवाल सहित विभाग के अन्य अधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे।