नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को समलैंगिक विवाह की कानूनी मान्यता पर अपना फैसला सुना सकता है। शीर्ष अदालत ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 11 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एसके कौल, एसआर भट्ट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल थे।
न्यायमूर्ति भट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि एक संवैधानिक सिद्धांत है जिस पर हम कायम हैं – अदालत कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकती, नीति बनाने का निर्देश नहीं दे सकती और नीति-निर्माण के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकती।