पटना: बालू के अवैध कारोबार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को बिहार और झारखंड में बड़ी कार्रवाई करते हुए जदयू विधान पार्षद राधाचरण सेठ, संजय सिंह, सुभाष यादव, अशोक कुमार, जगनारायण, सतीश कुमार के पटना, दानापुर, औरंगाबाद, भोजपुर, धनबाद, रांची, हजारीबाग समेत 24 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। सूत्र बताते हैं कि ईडी की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
जहां छापेमारी हुई, उनमें कई बालू कारोबारियों का संबंध बालू का सरकारी कार्य करने वाली ब्राडसन और आदित्य मल्टीकाम के साथ है। चार से पांच घंटे लगातार चली छापामारी के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। जांच के दौरान बालू कारोबारियों के पास बड़ी संपत्ति होने के प्रमाण भी मिले हैं।
जुड़े हैं बड़े लोग
बिहार में बालू के वैध और अवैध कारोबार में रसूखदार लोग लगे हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय बीते कई महीनों से इनके बारे में जानकारी जुटा रही थी। कुछ जानकारियां उसे बालू से जुड़े मामले में विभिन्न जिलों में बालू कारोबारियों और बालू कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से हासिल हुई थी।
इसके बाद पुख्ता जानकारियां जुटाकर प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने सोमवार की सुबह-सुबह पटना में जदयू विधान पार्षद राधा चरण सेठ के पटना (एसके पुरी, वीरचंद पटेल पथ, आरा अनाईठ बिहारी मिल स्थित आवास एवं फार्म हाउस) सुभाष यादव के पटना, दानापुर, औरंगाबाद, धनबाद में जगनारायण सिंह व उनके सहयोगियों के पांच स्थानों के अलावा झारखंड क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सचिव संजय सिंह के हजारीबाग मिशन रोड स्थित आवास के अलावा रांची के यहां दबिश दी।
ईडी सूत्रों के अनुसार राधा चरण सेठ, सुभाष यादव, जगनारायण सिंह व अशोक कुमार के अलावा संजय सिंह के ठिकानों से कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिन्हें ईडी के अधिकारी साथ ले गए हैं।
ईडी को बालू कारोबार में मोटी रकम के लेन-देन के भी प्रमाण मिले हैं। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। इस मामले में ईडी फिलहाल आधिकारिक तौर पर कुछ कहने से बच रही है। सूत्रों ने बताया दस्तावेजों के आकलन के बाद दो दिनों में स्थिति साफ होगी। इसके बाद आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहा जा सकेगा।
आयकर छापे में मिले थे अहम सबूत
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फरवरी महीने में आयकर विभाग की टीम ने जदयू विधान पार्षद के ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान आयकर की टीम ने कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे। आयकर की इस कार्रवाई को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने बालू के कारोबार में फैले नेक्सस की जांच प्रारंभ की थी।