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दूसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए लिखित परीक्षा नहीं!

NCF के मसौदे में इसे पूरी तरह अनुपयुक्त बताया गया

नई दिल्ली: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के मसौदे में दूसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए लिखित परीक्षा को पूरी तरह अनुपयुक्त बताया गया है। साथ ही सुझाव दिया गया है कि लिखित परीक्षा तीसरी कक्षा से शुरू होनी चाहिए।

कहा गया है कि मूल्यांकन की पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जिससे छात्र पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार तैयार किए जा रहे एनसीएफ में यह भी कहा गया है कि छात्रों के मूल्यांकन के लिए दो महत्वपूर्ण पद्धतियों में बुनियादी स्तर पर बच्चे के आकलन और सीखने के दौरान उसके द्वारा तैयार सामग्री का विश्लेषण अहम है।

मसौदे में यह भी कहा गया है कि विशिष्ट जांच और परीक्षा बुनियादी स्तर अर्थात दूसरी कक्षा तक के बच्चों के मूल्यांकन के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त है। मसौदे में कहा गया है कि बच्चों के बीच और पठन-पाठन के दौरान मूल्यांकन में विविधता को बढ़ावा देना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे अलग-अलग तरीके से सीखते हैं और भिन्न तरीके से उसे अभिव्यक्त करते हैं।