धर्म-कर्म

आज भी है चंद्रमा को दिया बाल गणेश का शाप!

हर किसी को मालूम है कि गणेश जी (Ganesh ji) को मोदक और मिठाई कितनी पसंद है। शायद इसलिए वो किसी के भी निमंत्रण को स्वीकार कर लेते हैं और मन भर कर मोदक और मिठाई खाते हैं।

हर किसी को मालूम है कि गणेश जी (Ganesh ji) को मोदक और मिठाई कितनी पसंद है। शायद इसलिए वो किसी के भी निमंत्रण को स्वीकार कर लेते हैं और मन भर कर मोदक और मिठाई खाते हैं।

एक बार की बात है धनपती कुबेर ने भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) को भोज पर बुलाया, लेकिन भगवान शिव ने कहा कि मैं कैलाश छोड़कर कहीं नहीं जाता हूं और पार्वती जी ने कहा कि मैं अपने स्वामी को छोड़कर कहीं नहीं जा सकती। तब उन्होंने कहा कि आप हमारे स्थान पर गणेश को ले जाओ, वैसे भी उन्हें मिठाई और भोजन बहुत पसंद आते हैं। तब कुबेर गणेश जी को अपने साथ भोज पर ले गए। वहां उन्होंने मन भर कर मिठाई और मोदक खाए। वापस आते समय कुबेर ने उन्हें मिठाई का थाल देकर विदा किया।

लौटने समय चन्द्रमा की चांदनी में गणेश जी अपने चूहे पर बैठकर आ रहे थे, लेकिन ज्यादा खा लेने के कारण बड़ी ही मुश्किल से अपने आप को संभाल पा रहे थे। उसी समय अचानक चूहे का पैर किसी पत्थर से लगकर डगमगाने लगा। इससे गणेशी जी चूहे के ऊपर से गिर गए और पेट ज्यादा भरा होने के कारण अपने आप को संभाल नहीं सके और मिठाइयां भी यहां-वहां गिर गईं।

यह सब चन्द्र देव ऊपर से देख रहे थे। उन्होंने जैसे ही गणेश जी को गिरता देखा, तो अपनी हंसी रोक नहीं पाए और उनका मजाक उड़ाते हुए बोले कि जब खुद को संभाल नहीं सकते तो इतना खाते क्यों हो? चन्द्र देव की बात सुनकर गणेश जी को गुस्सा आ गया। उन्होंने सोचा कि घमंड में चूर होकर चन्द्रमा मुझे उठाने के लिए किसी प्रकार की सहायता नहीं कर रहा है और ऊपर से मेरा मजाक उड़ा रहा है। इसलिए, गणेश जी ने चन्द्रमा को शाप दिया कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन तुमको देखेगा वह लोगाें के सामने चोर कहलाएगा।

शाप की बात सुनकर चन्द्रमा घबरा गए और सोचने लगे कि फिर तो मुझे कोई भी नहीं देखेगा। उन्होंने शीघ्र ही गणेश जी से माफी मांगी। कुछ देर बात जब गणेश जी का गुस्सा शांत हुआ तब उन्होंने कहा कि मैं शाप तो वापस नहीं ले सकता, लेकिन तुमको एक वरदान देता हूं कि अगर वहीं व्यक्ति अगली गणेश चतुर्थी को तुमको देखेगा तो उसके ऊपर से चाेर होने का शाप उतर जाएगा। तब जाकर चन्द्रमा की जान में जान आई।

इसके अलावा एक और कहानी सुनने में आती है कि गणेश जी ने चन्द्रमा को उनका मजाक उड़ाने पर शाप दिया था कि वह आज के बाद किसी को दिखाई नहीं देंगे। चन्द्रमा के मांफी मांगने पर उन्होंने कहा कि मैं शाप वापस तो नहीं ले सकता, लेकिन एक वरदान देता हूं कि तुम माह में एक दिन किसी को भी दिखाई नहीं दोगे और माह में एक दिन पूर्ण रूप से आसमान पर दिखाई दोगे। बस तभी से चन्द्रमा पूर्णिमा के दिन पूरे दिखाई देते हैं और अमावस के दिन नजर नहीं आते।