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बिहार में अश्लील भोजपुरी गानों पर लगेगा अंकुश, एडवाइजरी जारी

सभी जिलों के पदाधिकारी और एसएसपी-एसपी को भेजा गया, होली जैसे त्योहारों में सख्त निगरानी की व्यवस्था

पटना: बिहार सरकार ने होली गीतों में बढ़ती अश्लीलता पर लगाम लगाने के लिए इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) और होली (Holi) जैसे त्योहारों में सख्त निगरानी की व्यवस्था की है। अश्लीलता के खिलाफ भोजपुरी समाज की ओर से उठ रही आवाज के मद्देनजर होली जैसे त्योहारों में सख्त निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी सूबे के सभी जिलों के पदाधिकारी और एसएसपी और एसपी को भेजा गया है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि हमारे समाज में पर्वों का विशेष महत्व होता है। इसे लेकर कई महीनों से तैयारियां शुरू कर दी जाती है। इन पर्वों में रंगों के साथ-साथ गानों का भी विशेष महत्व होता है। हाल के वर्षों में देखा गया है कि इन पर्वों पर अश्लील गानों का प्रचलन बढ़ा है। खासकर भोजपुरी गानों (Bhojpuri Song) में इसकी शिकायत अधिक आ रही है। आगामी पर्व-त्यौहार जैसे महाशिवरात्रि, होली को देखते हुए इस तरह के अश्लील एवं विद्वेष फैलाने वाले गानों के विरुद्ध सतर्कता अपेक्षित है। इस तरह के गानों के विरुद्ध समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। ऐसे गानों तथा सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों के अवैधानिक, अमर्यादित, कृत्यों पर निरोधात्मक कार्रवाई आवश्यक है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि कुछ गायकों ने अपने भोजपुरी गानों में अश्लील, द्विअर्थी, जातिसूचक, महिला एवं अनुसूचित जाति की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों का प्रयोग किया है। ऐसे गायक अपने गानों में किसी जाति का महिमामंडन करते हैं और किसी जाति को नीचा दिखाते हैं। ऐसे भोजपुरी गानों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने तथा जातियों के बीच विद्वेष फैलाने की संभावना प्रबल होती है। ऐसे गानों पर सख्ती से पाबंदी लगाने की जरुरत है।

एडवाइजरी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भोजपुर और सीवान जैसे भोजपुरी भाषी जिलों में ऐसे गानों के कारण 11 फरवरी को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए सतर्कता प्रतिवेदन भेजा गया था, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि यह प्रवृत्ति संसीमित होने के बजाय और बढ़ रही हैं।