मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद पर कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?
RSS प्रमुख ने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। देश में विवेक, चेतना सभी एक है, उसमें कोई अंतर नहीं। बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की। बदलता है तो धर्म छोड़ दो। यह बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा है। परिस्थिति को कैसे बदलों, यह बताया है।
संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से नहीं जीत सके लेकिन…
उन्होंने कहा कि संत रोहिदास, तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे, इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं। पहले सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह चार मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। संत रोहिदास ने कहा-धर्म के अनुसार कर्म करो। पूरे समाज को जोड़ो, समाज के उन्नति के लिए काम करना-यही धर्म है। यह उन्होंने बताया कि सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही सिर्फ धर्म नहीं है।
बुद्धजीवियों का कहने का मकसद एक
भागवत ने कहा कि यही वजह है कि संत रोहिदास के समाज के बड़े-बड़े लोग उनके भक्त बने। आज की परिस्थिति को ध्यान दीजिए। किसी भी हाल में धर्म न छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने भी बुद्धजीवी हुए, उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा-धर्म से जुड़े रहो। हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं।
शिवाजी ने कहा-हिन्दू हो या मुस्लिम, सभी ईश्वर के एक ही बच्चे
भागवत ने कहा कि काशी का मंदिर टूटने के बाद शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को पत्र लिख कर कहा-हिन्दू हो या मुस्लिम, हम सभी ईश्वर के एक ही बच्चे हैं। अगर यह आपको अमान्य होगा तो बदले में आपसे युद्ध करने के लिए आना पड़ेगा। समाज और धर्म को द्वेष के नजर से मत देखो। गुनी बनो, धर्म का पालन करो। समाज में आज जो बेरोजगारी बढ़ रही है, उसमें भी काम को लेकर बड़ा-छोटा समझना भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा कि लगातार कोशिश करते रहो, समाज जरूर बदलेगा। लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है। उसकी वजह ही समाज को साथ लेकर चलना होगा।