बेतिया : जिसके बाद बोगियां बिना इंजन के पटरी पर दौड़ने लगी। जिससे बड़ा हादसा होते-होते बचा।
मिली जानकारी के अनुसार, 15273 सत्याग्रह एक्सप्रेस ईंजन और चार बोगियां लेकर चली गई, बाकी 18 बोगियां बगैर ईंजन के रेल पटरी पर दौड़ने लगी। इस बीच चार बोगी को लेकर ईंजन अभी 100 मीटर आगे बढ़ी थी कि चालक को इसकी जानकारी हुई तो उसने आपातकाल ब्रेक लगा कर ईंजन समेत चार बोगियों को रोका। उसके बाद सभी बोगियों को जोड़कर ट्रेन का परिचालन शुरू किया गया।
इस दौरान करीब 15 मिनट तक ट्रेन रेल फाटक के समीप खड़ी रही। मामले को लेकर यात्रियों ने हंगामा भी किया।
बताया जाता है कि बोगियों को आपस में जोड़े रखने वाले कपलिंग के अचानक टूट जाने के कारण यह हादसा हुआ। रक्सौल-आनंद बिहार सत्याग्रह एक्सप्रेस रक्सौल से निर्धारित समय पर खुली थी। गुरुवार सुबह करीब 9 बजे के आसपास महोद्दीपुर रेल गुमटी के पास पहुंची थी।
ट्रेन में सवार यात्री राकेश कुमार ने बताया कि मझौलिया से ट्रेन खुली थी, तो हिचकोले खा रही थी, लेकिन चालक ने ध्यान नहीं दिया। महोद्दीपुर गुमटी पर पहुंचते ही जोर का झटका लगा और ईंजन समेत चार बोगी लेकर चालक चला गया। जबकि 18 बोगियां ट्रैक पर बिना इंजन रेंगने लगी।