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दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल की खरीद को मंजूरी!

सीमा पर दुश्मनों को मजबूती से सकब सिखाने और चुनौती देने के लिए भारत सरकार अपनी सैन्य ताकत लगातार इजाफा कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने का फैसला लिया है।

नई दिल्ली: सीमा पर दुश्मनों को मजबूती से सकब सिखाने और चुनौती देने के लिए भारत सरकार अपनी सैन्य ताकत लगातार इजाफा कर रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल (Pralaya ballistic missile) खरीदने का फैसला लिया है। बता दें कि फैसला ऐसे समय में लिया गया। जब हाल ही में चीन के साथ सीमा विवाद और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंध और तेज हो गए।

दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने एक बड़े फैसले में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए लगभग 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दे दी है।इन मिसाइलों को चीन और पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर तैनात किया जाएगा।

बता दें कि चीन और पाकिस्तान दोनों के पास बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो सामरिक भूमिकाओं के लिए हैं। सूत्रों ने कहा कि DRDO की ओर से विकसित मिसाइल को और विकसित किया जा रहा हैऔर अगर सेना चाहे तो इसकी सीमा को काफी बढ़ाया जा सकता है।

‘प्रलय’ बैलेस्टिक मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम बनाने के लिए इसे विकसित किया गया है। ये मध्य हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखती है।

‘प्रलय’ एक Solid Propellant Rocket Motor और अन्य नई तकनीकों से संचालित होनी वाली मिसाइल है। 2015 के आसपास मिसाइल सिस्टम का विकास होना शुरू हुआ और इस तरह की क्षमता के विकास को दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने थल सेनाध्यक्ष के रूप में बढ़ावा दिया था।इस मिसाइल का पिछले साल 21 दिसंबर और 22 दिसंबर को लगातार दो बार सफल परीक्षण किया गया था।

मिसाइल गाइडेंस सिस्टम में आधुनिक नेविगेशन और एकीकृत वैमानिकी शामिल है। प्रलय वैलिस्टिक मिसाइल को सबसे पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा, जिसके बाद भारतीय थल सेना में शामिल होने की संभावना है। इस तरह की मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम और दूसरे हथियारों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है।