राष्ट्रीय

वरिष्ठ नागरिकों के ट्रेन किराए में रियायत बहाली का इरादा नहीं: रेल मंत्री

रेलवे के निजीकरण का नहीं है कोई प्रस्ताव

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय का वरिष्ठ नागरिकों (senior citizen) के रेल किराए में रियायत को फिर से चालू करने का इरादा नहीं है। कोरोना के दौरान इसे बंद कर दिया था। लोकसभा में बुधवार को एक प्रश्न के लिखित जवाब में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ट्रेन सफर में सभी नागरिकों को किराए में औसतन 53 फीसदी की छूट दी जा रही है। साथ ही दिव्यांगजनों, छात्रों और मरीजों को इसके अतिरिक्त भी रियायत है।

पैसेंजर टिकट पर दी 59,837 करोड़ की सब्सिडी
रेल मंत्री से पूछा गया था कि किराए में रियायत के अभाव में 63 लाख सीनियर सिटीजन ने ट्रेनों से सफर करना बंद कर दिया है तो क्या संसद की स्थायी समिति के सुझाव को मानते हुए फिर से रियायत की सुविधा दी जाएगी। इस पर रेलमंत्री ने कहा कि 2019-20 में रेलवे ने पैसेंजर टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। यह प्रत्येक रेल यात्री को किराए पर औसतन 53 प्रतिशत की छूट है। रेल मंत्री ने माना कि रेलवे से जुड़ी संसदीय समिति ने स्लीपर और थ्री एसी क्लास में सीनियर सिटीजन को रेल टिकट पर रियायत देने का सुझाव दिया है।

निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा कि सरकारी एवं निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से नियमित रेलगाड़ी सेवाओं के परिचालन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। रेल मंत्री ने इस सवाल को भी खारिज किया कि हाल में रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से भर्ती किए गए कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है और संविदा कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है।