नई दिल्ली: जाने-माने और मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को आज दिल्ली के निगम बोध घाट पर नम आंखों के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजू श्रीवास्तव के भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी है। इसी के साथ उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। बस, रह गई अब उनकी यादें। विगत 21 सितंबर को उन्होंने सुबह करीब 10:20 बजे आखिरी सांस ली। राजू श्रीवास्तव का पार्थिव शरीर उनके भाई के घर दशरथपुरी में रखा गया था। जहां उनके आखिरी दर्शन करने के लिए कई कलाकार पहुंचे थे।
बता दें कि 10 अगस्त को दिल्ली के एक होटल में वर्कआउट करने कर दौरान राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसी दिन उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी। राजू श्रीवास्तव की तबीयत में थोड़ा सुधार हुआ था मगर लंबे समय तक उन्हें होश नहीं आया था। 42 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे राजू आखिरकार मौत के आगे हार ही गए। राजू श्रीवास्तव के जाने से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर छा हुई है।
नई तकनीक से पोस्टमार्टम
राजू श्रीवास्तव के शव का पोस्टमार्टम नई तकनीक से हुआ है। उनके शव का वर्चुअल पोस्टमार्टम किया गया। दिल्ली में यह पहला वर्चुअल ऑटोप्सी सेंटर है, जहां ये पूरी प्रक्रिया विधिवत हुई। एमके फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के हेड डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने बताया कि अपनों के निधन के बाद परिवार पहले से ही गमगीन होते हैं, ऐसे में हमने एक रिसर्च भी कराई और 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग पोस्टमार्टम प्रक्रिया को नहीं चुनने का पक्ष थे।
उन्होंने बताया कि वर्चुअल ऑटोप्सी के दौरान डेड बॉडी पर कोई कट या चीरा नहीं लगाया जाता। पार्थिव शरीर को छुए बिना ही पूरी बॉडी का स्कैन होता है और डॉक्टर की टीम बड़ी सी स्क्रीन पर बैठकर छोटी-छोटी जानकारियों को बारी-बारी से परखती है। इस प्रक्रिया में बस 15-20 मिनट का समय लगता है।