राष्ट्रीय

ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज, मालिकाना हक पर होगी सुनवाई

वाराणसी जिला अदालत ने दिया ऐतिहासिक निर्णय , हाईकोर्ट व सु्प्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है प्रतिवादी पक्ष

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला अदालत ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए कहा कि मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है। अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। इस तरह इस मामले में सुनवाई चलने का रास्ता साफ हो गया।

हालांकि अभी भी इस मामले में हाईकोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है। जिला जज डॉ.अजय कृष्‍ण विश्‍वेश की अदालत ने दायर वाद की सुनवाई के हक में अपना फैसला सुनाया। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितम्‍बर को होगी। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद पक्ष के अधिवक्‍ता विकल्‍पों पर विचार कर रहे हैं।

उधर, इस दौरान मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे यूपी में पुलिस अलर्ट पर है। वाराणसी के पुलिस कमिश्‍नर ने कल 11 सितम्‍बर की शाम से ही पूरे वाराणसी में धारा-144 लागू कर दी थी। सोमवार सुबह से ही वाराणसी के चप्‍पे-चप्‍पे पर फोर्स तैनात है।

बता दें कि पिछली सुनवाई पर दोनों पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख तय की थी। पिछले साल सिविल जज (सीनियर डिविजन) की कोर्ट में श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन और सौंपने सम्बंधी मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित 5 महिलाओं ने गुहार लगाई थी। इस पर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद की पोषणीयता पर सवाल उठाया था।

बता दें कि इसके पूर्व अदालत ने प्रतिवादी की अर्जी दरकिनार करते हुए सुनवाई की और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराकर रिपोर्ट तलब कर ली। इसी दौरान अंजुमन ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज की अदालत में 26 मई से सुनवाई शुरू हुई।

मस्जिद की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 (मेरिट) के तहत केस खारिज करके लिए कई तिथियों पर दलीलें दी गईं। 24 अगस्त को दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। इस दौरान वादी पक्ष की ओर से लिखित बहस भी दाखिल की गई है। मुस्लिम पक्ष ने कई विवरण व पत्रावली कोर्ट में दी हैं। पूर्व में हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष की ओर से केस की मेरिट संबंधी याचिका खारिज हो चुकी है।