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कश्मीर में घट रहा आतंकवाद: डीजीपी दिलबाग सिंह

जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) में सफलतापूर्वक आतंकवाद विरोधी अभियानों की एक श्रृंखला और पाकिस्तान से घुसपैठ में तेज गिरावट के कारण सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

नई दिल्ली: डीजीपी दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कुपवाड़ा में सुरक्षा समीक्षा बैठक के बात पत्रकारों से बात की। उन्होने कहा कि इस वर्ष घुसपैठ न के बराबर है, कुछ घुसपैठ के प्रयास हुए जिन्हें बड़ी सख्ती से निपटा गया और नाकाम किया गया। कुछ चंद एक घुसपैठ की कोशिशें सफल भी हुईं, जिसको लेकर आज हमने सेना और सीआरपीएफ के आला अधिकारियों के साथ चर्चा भी की।

उन्होंने कहा कि हमारी घुसपैठ विरोधी ग्रिड एलओसी पर पहले से बहुत मजबूत है और उसमें और मजबूती लाने को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। डीजीपी ने कहा कि कुपवाड़ा के आवाम को मुबारक है कि यहां जीरो मिलिटेंसी है और हम चाहते हैं कि इसे ऐसे ही रखा जाए।

उन्होंने कहा कि यहां के युवाओं को भी मुबारक है, जिन्होंने अमन के साथ अपने आपको जोड़ा है। उन्हें चाहिए कि वो सीमा पार से की जाने वाली किसी तरह की साजिशों का शिकार न हो और किसी के बहकावे में न आएं। वो हमारे आवाम के हक में नहीं है।

DGP दिलबाग ने कहा, कश्मीर के लोगों ने बड़े पैमाने पर आतंकवाद के चलते नुकसान उठाया है और आज अमन के साथ खड़े रहकर उसकी भरपाई की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि नशा तस्करी में पहले से ज़्यादा बढ़ोतरी हुई है।

DGP ने कहा यहां आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान इसका इस्तेमाल कर रहा है। वो तस्करी के जरिये आतंकवाद की फंडिंग कर रहा है और यहां के नौजवानों को नशे का शिकार बना रहा है। इससे हमारा भविष्य खतरे में है।

DGP ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं और धर्म गुरुओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो नशे के खिलाफ प्रचार करें ताकि युवाओं को इससे अवगत कराया जा सके।

एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि जितने आतंकवादी तीन साल पहले थे। उनके मुकाबले आज इनकी संख्या एक तिहाई पहुंच गई है। आतंकवाद का अधिक सफाया हो चुका है, जिसका श्रेय आवाम को जाता है, क्योंकि वो अमन चाहते हैं।

डीजीपी ने कहा कि अब जो आतंकी बच गए हैं, उन्हें मारने का भी समय आ चुका है। पुलिस को सुविधा मुहैया कराने को लेकर उन्होंने कहा, जल्द ही सुविधाओं को भविष्य में बढ़ाया जाएगा।