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मुश्किल में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष चुनाव, अब थरूर ने दिखाए तेवर

वोटर लिस्ट को लेकर मनीष तिवारी, कार्ति व बोरदोलोई के बाद शशि भी आए साथ

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और उसका अध्यक्ष पद का चुनाव दोनों मुश्किल में है।पार्टी जल्द ही अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने जा रही है। इस बीच चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी करने की मांग पार्टी के भीतर तेज होती जा रही है। गुरुवार को असम से लोकसभा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने इसकी मांग की। उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री को एक पत्र लिखा, जो संगठन के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के प्रमुख भी हैं। अब खबर आ रही है कि लोकसभा सांसद शशि थरूर ने भी मिस्त्री को पत्र लिखकर यह मांग की है।

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नागांव सांसद बोरदोलोई ने बताया-हां, मैंने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए अनुरोध कियाथ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके सो हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मतदाता सूची को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है।

शशि थरूर के बारे में अटकलें लग रही है कि वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। थरूर ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से अपने जी-23 सहयोगी और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी की इस मांग का समर्थन किया था कि पार्टी में 9,000 निर्वाचक मंडल बनाने वाले पीसीसी प्रतिनिधियों की सूची बनाई जाए। साथ ही पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे सार्वजनिक किया।

मनीष तिवारी ने पूछा था कि जब तक रोल सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं तो प्रक्रिया निष्पक्ष कैसे हो सकती है। बुधवार को लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम और शशि थरूर मनीष तिवारी की मांग के समर्थन में सामने आए थे। आपको बता दें कि कार्ति और बोरदोलोई जी 23 समूह के सदस्य नहीं हैं। बोरदोलोई ने मिस्त्री से राज्यों के हिसाब से मतदाता सूची को कांग्रेस की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा था।

बता दें कि 2017 में जब पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे तब निर्वाचक मंडल में 9,531 पीसीसी प्रतिनिधि शामिल थे। सीईए ने अभी तक इस बार मतदाताओं की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है। 2017 में राहुल गांधी निर्विरोध कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन इस बार मुकाबला होने के संकेत मिल रहे हैं।

मनीष तिवारी ने बुधवार को चिंता जताते हुए मांग की थी कि पार्टी की वेबसाइट पर मतदाताओं के नाम और पते डाले जाएं। उन्होंने कहा कि अगर कोई नहीं जानता कि मतदाता कौन हैं, तो कोई लड़ने पर विचार कैसे कर सकता है। मनीष का समर्थन करते हुए कार्ति ने कहा था कि हर चुनाव में एक अच्छी तरह से परिभाषित और स्पष्ट निर्वाचक मंडल की आवश्यकता होती है। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि निर्वाचक मंडल के गठन की प्रक्रिया भी पारदर्शी होनी चाहिए।

उधर, शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा था कि निश्चित रूप से मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मतदाता सूची में पारदर्शिता रखनी चाहिए। अगर मनीष ने यही मांगा है तो मुझे यकीन है कि यह एक ऐसा सिद्धांत है जिससे हर कोई सहमत होगा। सभी को पता होना चाहिए कि कौन नामांकन कर सकता है और कौन मतदान कर सकता है।