नई दिल्ली: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के कथित खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है उनके शिष्यों अमर गिरी और पवन महराज की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर कहा गया है कि आनंद गिरि के खिलाफ जो FIR दर्ज की गई है, वो उनकी तरफ से नहीं लिखवाई गई है।
एफिडेविट कहा गया है कि उन्होंने कोई भी मुकदमा दर्ज ही नहीं कराया। इसी के साथ किसी को भी नामजद भी नहीं किया है। इतना ही नहीं उन्होंने मुकदमा वापस लेने की भी इच्छा जताई है।महंत नरेंद्र गिरी मामले में नया मोड़ सामने आया
20 सितंबर 2021 को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के गेस्ट हाउस के कमरे में महंत नरेंद्र गिरी का शव लटका हुआ मिला था। पुलिस को कमरे में 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला था। सुसाइड नोट में आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। इसके बाद आनंद गिरि और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के कथित खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है उनके शिष्यों अमर गिरी और पवन महराज की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर कहा गया है कि आनंद गिरि के खिलाफ जो FIR दर्ज की गई है, वो उनकी तरफ से नहीं लिखवाई गई है।बाद में सरकार ने जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। नरेंद्र गिरि के कथित आत्महत्या मामले में सीबीआई ने 20 नवंबर को एक हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई की चार्जशीट आनंद गिरी समेत अन्य के खिलाफ है। नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरि समेत अन्य आरोपी नैनी जेल में बंद हैं।