नई दिल्ली: गुजरात के जहरीली शराब कांड (Gujarat hooch tragedy) में AMOS कंपनी के निदेशकों और मैनेजर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। बोटाद स्थानीय कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की है।
समीर पटेल, मैनेजर और तीन अन्य निदेशकों की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए जज कीर्तिदाबेन प्रजापति ने कहा कि जहरीली शराब कांड की जांच महत्वपूर्ण चरण में हैं। अगर जमानत दी जाती है तो वो जांच में रुकावट या छेड़छाड़ कर सकते हैं।
स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उत्पल दवे ने बताया कि अभियोजन पक्ष की दलील थी कि आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा है और आरोप गंभीर हैं, क्योंकि जहरीली मिथाइल अल्कोहल फैक्ट्री से निकाली गई थी। निदेशकों और प्रबंधकों की जिम्मेदारी है कि ऐसा रसायन चोरी ना हो। निदेशकों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दरअसल कंपनी से चुराए गए करीब 600 लीटर मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल अवैध शराब बनाने के लिए किया गया था, जिसके कारण जुलाई के आखिरी हफ्ते में बोटाद और अहमदाबाद जिले में 40 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई लोग बीमार थे। घटना के बाद राज्य सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया था।