नई दिल्लीः राजस्थान में पशुओं में फैल रही लंपी रोग का कहर बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में वायरस से 4 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई है। वहीं 90 हजार से ज्यादा मवेशी लंपी से संक्रमित बताए जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर गायें हैं। गोवंश में लगातार फैल रहे लंपी वायरस ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को इस बीमारी की रोकथाम के लिए मिशन मोड पर काम करने का निर्देश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्र से इस वायरस के लिए आर्थिक मदद की अपील की है।
राजस्थान के बाद गुजरात में लंपी के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। गुजरात के पशुपालन और गाय पालन मंत्री ने जामनगर में कहा कि गुजरात में अभी के समय 62 हजार पशु जो लम्पी से पीड़ित थे उसमें से 46 हजार से ज्यादा पशु स्वस्थ हो गये हैं और 2200 से अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है। सरकार स्थिति के मुताबिक इस बिमारी पर नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई कर रही है।
लंपी एक संक्रामक स्किन की बीमारी है। शुरुआत में पशुओं की त्वचा पर चेचक, नाक बहना, बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं। बुखार आने के कुछ दिन बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते दिखने लगते हैं।
बताया जा रहा है कि ये वायरस संक्रामक मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलता है। राजस्थान और गुजरात के अलावा यूपी समेत देश के 10 राज्यों में ये बीमारी फैल चुकी है।