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ED पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ‘खतरनाक’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते अपने फैसले में संशोधित कानून के तहत ईडी को दी गई व्‍यापक शक्तियों की वैधता को बरकरार रखा था। इसे करीब 250 याचिकाओं में चुनौती दी गई थी। फैसले की समीक्षा के लिए विपक्षी दल फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

नई दिल्लीः देश की करीब 17 विपक्षी पार्टियों (opposition parties) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हाल के उस फैसले को “खतरनाक” करार दिया है। जिसमें 2019 में मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) में किए गए संशोधनों को बरकरार रखा है। जिससे प्रवर्तन निदेशालय यानि ED जैसे एजेंसियों को ज्‍यादा अधिकार मिले हैं।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम, समाजवादी पार्टी और राष्‍ट्रीय जनता दल समेत कुछ अन्‍य पार्टियों के हस्‍ताक्षर वाले बयान में कहा गया है। “हमें उम्‍मीद है कि यह खतरनाक फैसला अल्‍पकालिक रहेगा और संवैधानिक प्रावधान जल्‍द ही लागू होंगे।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते अपने फैसले में संशोधित कानून के तहत ईडी को दी गई व्‍यापक शक्तियों की वैधता को बरकरार रखा था। इसे करीब 250 याचिकाओं में चुनौती दी गई थी। फैसले की समीक्षा के लिए विपक्षी दल फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

दरअसल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ED की तरफ से की गई गिरफ्तारी, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई को फैसला सुनाया था और PMLA मामलों में ED की शक्तियों को हरी झंडी दे दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने PMLA के तहत गिरफ्तारी के ED के अधिकार को बरकरार रखा था। कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है। अपराधी की आय, तलाशी और जब्ती, गिरफ्तारी की शक्ति, संपत्तियों की कुर्की और जमानत की दोहरी शर्तों के PMLA के कड़े प्रावधानों को SC ने बरकरार रखा था।