राष्ट्रीय

Udaipur Killing: विरोध मार्च में फैली अराजकता, हुआ पथराव

भारी सुरक्षा के बीच जुलूस निकालने के दौरान विभिन्न हिंदू संगठनों के लगभग 1,000 प्रदर्शनकारियों ने भगवा झंडे लिए और न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। मंगलवार को जिस इलाके में भीषण हत्या हुई थी, उस इलाके के पास प्रदर्शनकारियों के चले जाने से तनाव चरम पर था। पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को तितर-बितर किया।

Udaipur Murder: कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की हत्या के बाद दो लोगों द्वारा कैमरे पर दी गई धमकी के आक्रोश के रूप में, उदयपुर (Udaipur) में सैकड़ों लोगों के विरोध मार्च किया। इस दौरान कुछ देर के लिए पथराव हुआ। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस हरकत में आई।

भारी सुरक्षा के बीच जुलूस निकालने के दौरान विभिन्न हिंदू संगठनों के लगभग 1,000 प्रदर्शनकारियों ने भगवा झंडे लिए और न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। मंगलवार को जिस इलाके में भीषण हत्या हुई थी, उस इलाके के पास प्रदर्शनकारियों के चले जाने से तनाव चरम पर था। पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को तितर-बितर किया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने चैनल को बताया, ‘‘इसे बेतहाशा नहीं फैलाया जाना चाहिए। कुल मिलाकर जुलूस शांतिपूर्ण था। जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण मार्च निकालने की अनुमति दी थी।’’

शहर में कर्फ्यू के दौरान जुलूस की अनुमति दिए जाने और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने पर सवाल उठाए गए थे। हत्या को लेकर मंगलवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से शहर में सभी दुकानें बंद हैं और इंटरनेट बंद है।

कन्हैया लाल के परिवार से मुलाकात करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

48 वर्षीय कन्हैया लाल की मंगलवार को दो लोगों ने हत्या कर दी, जिन्होंने हत्या की वीडियो बनाई और शेखी बघारते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी।

रियाज़ अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद, जो कैमरे पर कन्हैया लाल पर चाकू से हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं, को गिरफ्तार कर लिया गया और पांच और लोगों को उनकी मदद करने के लिए हिरासत में लिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद निरोधी संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है।

जांचकर्ताओं का कहना है कि हत्यारों के पाकिस्तान स्थित समूह दावत-ए-इस्लामी से संबंध थे और उनमें से एक 2014 में कराची भी गया था।

राजस्थान के पुलिस प्रमुख एमएल लाठेर ने कहा कि दर्जी की हत्या एक सुनियोजित आतंकी घटना थी और इसमें और भी लोग शामिल थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य आरोपी दावत-ए-इस्लामी के संपर्क में थे। उनमें से एक 2014 में पाकिस्तान के कराची में संगठन से मिलने गया था। हम इसे आतंकी कृत्य मान रहे हैं।’’

लाठेर ने कहा कि घटना को रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने पर एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।

कन्हैया लाल ने 15 जून को पुलिस में शिकायत की थी कि भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट को लेकर उनके पड़ोसियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी।

उनकी शिकायत के बाद, पुलिस ने कन्हैया लाल और उनकी शिकायत में उनके द्वारा नामित पड़ोसियों के साथ-साथ दोनों समुदायों के नेताओं के बीच बातचीत की। पुलिस ने कहा, ‘‘मामला सुलझा लिया गया है’’ और कन्हैया लाल ने एक लिखित बयान दिया था कि उन्हें अब और पुलिस सहायता की आवश्यकता नहीं है।

लेकिन कन्हैया लाल की पत्नी जशोदा ने चैनल को बताया कि उन्होंने एक हफ्ते तक अपनी दुकान पर जाने से परहेज किया था। मंगलवार को वह कुछ दिनों बाद फिर से दुकान पर गया था।

कन्हैया लाल के दाह संस्कार के लिए भी भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें कई लोगों ने नारेबाजी की।

(एजेंसी इनपुट के साथ)