नार्थ-ईस्ट

Manipur Landslide: बचाव अभियान जारी, 14 की मौत, 60 से अधिक के फंसे होने की आशंका

भारी बारिश के चलते बुधवार की रात अचानक पहाड़ खिसक गया और भारतीय सेना का कैंप तबाह हो गया। जब यह घटना हुई उस वक्त कैंप में बड़ी संख्या में जवान मौजूद थे। मणिपुर में भूस्खलन (Manipur Landslide) से भारी तबाही हुई है।

Manipur Landslide: मणिपुर के नोनी जिले में सेना के एक शिविर में हुए भूस्खलन में सेना के 7 जवानों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। जबकि 25 जवान अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

भारी बारिश के चलते बुधवार की रात अचानक पहाड़ खिसक गया और भारतीय सेना का कैंप तबाह हो गया। जब यह घटना हुई उस वक्त कैंप में बड़ी संख्या में जवान मौजूद थे। मणिपुर में भूस्खलन (Manipur Landslide) से भारी तबाही हुई है।

डीजीपी डौंगेल ने कहा कि यह पुष्टि नहीं हुई है कि कितने लोग दबे हुए हैं, लेकिन अब तक ग्रामीणों, सेना और रेलवे कर्मियों और मजदूरों सहित 60 लोगों के दबे होने की आशंका है।

भारतीय सेना, असम राइफल्स और प्रादेशिक सेना के जवानों द्वारा भूस्खलन प्रभावित नोनी को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। यह घटना मणिपुर के नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुई।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ मणिपुर में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन की स्थिति की समीक्षा की और केंद्र सरकार से पूर्ण संभव समर्थन का आश्वासन दिया।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एनबीरेन सिंह जी से बात की और एक दुखद भूस्खलन के कारण स्थिति की समीक्षा की। केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ है। घायलों को जल्द से जल्द ठीक किया जाए।’’

इस बीच, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरुवार को मणिपुर में भूस्खलन के कारण नागरिकों और सशस्त्र बलों के जवानों की जान जाने पर शोक व्यक्त किया और उन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की, जिनके लिए बचाव अभियान चल रहा था।

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर के नोनी में भूस्खलन के कारण नागरिकों और सशस्त्र बलों के जवानों की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। मैं उन लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं जिनके लिए बचाव और राहत अभियान जारी है।’’

घटना बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को जिरीबाम से इंफाल तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास तैनात भारतीय सेना की 107 प्रादेशिक सेना की कंपनी के स्थान के पास हुई।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियों द्वारा पूर्ण पैमाने पर बचाव अभियान जारी है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)